बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य से मांगा स्पष्टीकरण
जांच अधिकारी की छवि धूमिल कर जांच को प्रभावित करने का आरोप
झांसी, 05 मई(हि.स.)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में शोधार्थियों और गाइड के बीच चल रहा प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन शोधार्थियों के लिए नियुक्त किए गए नए निर्देशक को नियुक्ति पत्र नहीं दे रहा है तो वहीं दूसरी तरफ निवर्तमान गाइड जिन पर महिला शोधार्थी के साथ अभद्रता करने और अनैतिक मांग करने का आरोप लगा है। वह उनके खिलाफ चल रहे जांच को ही प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।
विवादों में घिरे समाज कार्य विभाग के शिक्षक ने जांच समिति में शामिल एक वरिष्ठ प्रोफेसर और डीन पर सोशल मीडिया के माध्यम से उल्टे सीधे आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से आरोपी शिक्षक जांच अधिकारी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। वरिष्ठ प्रोफेसर ने विश्वविद्यालय को शिकायती पत्र लिखकर सूचित किया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से उन पर आरोप लगाकर जान से मारने की धमकी देने और मानसिक उत्पीड़न कर जांच को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस मामले में विश्वविद्यालय ने आरोपी शिक्षक और सहायक आचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण मांगने वाली चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि सहायक आचार्य द्वारा कई प्राधिकारियों, कर्मचारियों और विश्वविद्यालय के इतर अन्य विभागों के अधिकारियों के प्रति दुर्भावना पूर्ण कथन किए गए हैं। यह सभी कृत्य शिक्षकों के लिए निर्धारित कोड ऑफ़ एथिक्स का उल्लंघन माने गए हैं।
विश्वविद्यालय द्वारा समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है कि उन्होंने किन परिस्थितियों में ऐसा किया। अगर वह तीन कार्यवाही दिवस में इसका जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ की जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश
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