बुवि : शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमिताओं के विरोध में अभाविप ने शुरू किया अनशन
कुलपति समेत बुवि प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
झांसी, 07 मार्च (हि.स.)। गली-गली में शोर है,विश्वविद्यालय प्रशासन चोर है। विश्वविद्यालय का किस्सा है,कुलपति का एक हिस्सा है। इन नारों के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद झांसी महानगर द्वारा विश्वविद्यालय में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया गया। यह प्रदर्शन हाल चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जा रही धांधली व अनियमिताओं के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ किया जा रहा है। अभाविप के कार्यकर्ताओं ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर निष्पक्ष जांच कराने दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर आज से अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
बीयू इकाई अध्यक्ष हर्ष शर्मा ने कहा कि चयन में अनियमिताओं का आलम यह है कि असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर के शिक्षकों द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर पद के अभ्यर्थियों की स्क्रुटनी की गई है, तथा कई ऐसे शिक्षक स्क्रुटनी की प्रक्रिया में शामिल थे। स्वयं अभ्यर्थी भी थे और ऐसे लोगो ने मनमाने तरीके से एपीआई का निर्धारण किया है। इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में एपीआई बढ़ा कर एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चयन का मामला पूरे परिसर में चर्चा का विषय है। इसी प्रकार फूड साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित अभ्यर्थी का बीटेक एमटेक तथा पीएचडी अलग-अलग विषयों में होने और उनके द्वारा एक ही समय पर अलग-अलग संस्थानों से पीएचडी एवं टीचिंग एक साथ करने की भी चर्चा परिसर में है।
महानगर मंत्री सुयश ने कहा कि इसी प्रकार फूड साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयनित अभ्यर्थी का बीटेक एमटेक तथा पीएचडी अलग-अलग विषयों में होने और उनके द्वारा एक ही समय पर अलग-अलग संस्थानों से पीएचडी एवम् टीचिंग एक साथ करने की भी चर्चा परिसर में है। चहते लोगों की नियुक्तियां करने के लिए सभी नियमों को दरकिनार कर स्क्रुटनी तथा इंटरव्यू कराए गए हैं।
डॉ काव्या दुबे का मामला सर्वाधिक चिन्ता का विषय है। उनके विरूद्ध संवेदनशील मामला है। उनको साक्षात्कार के योग्य स्वीकार करना ही नियमों के विपरीत है। आवेदन पत्र में एक कॉलम कदाचार से सम्बन्धित भी था। उसमें डा काव्या दुबे ने क्या उल्लेख किया है उसे सार्वजनिक किया जाये। यदि हाँ लिखा है तो साक्षात्कार मे उनको अवसर देना नियमविरूद्ध है और यदि नहीं लिखा है तो तथ्य छुपाने पर विश्वविद्यालय साक्षात्कार निरस्त करे और पुनः आयोजित करे। इसके अतिरिक्त तथ्य छुपाने के लिए काव्या दुबे के विरूद्ध कार्यवाही करे।
इस अनिश्चितकालीन अनशन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनेन्द्र गौर, उर्मिला पटेल, जिला संयोजक हर्ष जैन, विकाश शर्मा ,प्रितिका शुक्ला, अर्पित अग्रवाल,विहान सिंह, रोहन खरे, सौम्य मिश्रा, शुभम चतुर्वेदी, हर्ष कुशवाहा, संकल्प कुशवाहा, शिवम राठौर, सत्यम राठौर, राज यादव, प्रांजल यादव,योगेंद्र कुशवाहा, ध्रुव लोधी,शिव यादव, हर्ष यादव धनराज पाठक, तेजस सिंह, नीलेन्द्र, निखिल खरेला, प्रणव मिश्रा, विशाल, शोबित सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता अनशन पर बैठे।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन
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