हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट पर भितरघात से बसपा सहमी

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हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट पर भितरघात से बसपा सहमी


निर्णायक वोट भी खिसकने से साइकिल की चाल पर लग सकता है ब्रेक

हमीरपुर,19 मई (हि.स.)। हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट के लिए भले ही चुनावी शोर थम गया है, लेकिन अन्य माध्यमों के जरिए भाजपा, सपा और बसपा प्रत्याशी भितरघात से परेशान है। पार्टी का वोट बैंक खिसकने से साइकिल और हाथी की चाल पर भी ब्रेक लगता दिख रहा है। अब संसदीय क्षेत्र में वोटिंग के कुछ ही घंटे रह गए हैं, ऐसे में निर्णायक मतदाता लामबंद भी हो गए हैं। हालांकि उनका रुख किस प्रत्याशी और दल की तरफ होगा यह चुनाव परिणाम आने पर ही पता चल सकेगा, लेकिन वोटरों की खामोशी से भाजपा समेत सभी दलीय प्रत्याशी टेंशन में जरूर दिखाई दे रहे हैं।

बुंदेलखंड की लोकसभा-47 सीट के लिए कल सोमवार को मतदान होंगे। वोटिंग कराने के लिए आज पोलिंग पार्टियां भी रवाना कर दी गई है। संसदीय क्षेत्र के सभी 1221 मतदान केन्दों और 1975 मतदेय स्थलों पर पोलिंग पार्टियों ने आज शाम डेरा भी डाल दिया है। इधर चुनाव प्रचार में लगे वाहनों के पहिए थम गए हैं। प्रत्याशियों के सहयोगी अपने घर बैठकर चुनावी गुणा भाग में करने में जुट गए हैं। सिटिंग एमपी व भाजपा प्रत्याशी तीसरी बार सांसद बनने के लिए चुनावी महासमर में हैं, जिन्होंने पिछले दो आम चुनावों में गठबंधन दल के प्रत्याशियों को चुनावी दंगल में धूल चटाई है।

अबकी बार भी उनकी मुख्य लड़ाई इंडी गठबंधन के अजेन्द्र सिंह राजपूत से है। ये पहली बार सांसद बनने को चुनाव मैदान में है। ऐसे ही बसपा से निर्दाेष दीक्षित भी पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा जयहिन्द पार्टी से धर्मराज, राष्ट्र उदय पार्टी से बृजेश कुमार पाल, एकलव्य समाज पार्टी से सुरेश कुमार, संजीव कुमार, राजेश सिंह, संतोष कुमार, भुवनेन्द्र नारायण सिंह व अनुपम कुमार त्रिपाठी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे है।

भाजपा ने इंडी गठबंधन के गढ़ में की कमल खिलाने की तैयारी

भाजपा ने हमीरपुर-महोबा-तिंदवारी संसदीय सीट पर तीसरी बार कमल खिलाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाया है। इंडी गठबंधन के गढ़ में ही भाजपा ने चुनावी समीकरण अपने पाले में करने के लिए पूरी ताकत लगाई है। जिससे लगता है कि अपने ही गढ़ में साइकिल रफ्तार नहीं पकड़ पाएगी। हाथी की चाल भी निर्णायक मतदाताओं के बिखरने से पस्त हो गई है। बता दें कि वर्ष 2014 में पहली बार मोदी की लहर में पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने यहां की सीट पर रिकार्ड तोड़ मतों के अंतर से कमल खिलाया था। जबकि पिछले लोकसभा के चुनाव में भी भाजपा ने दो लाख अड़तालीस मतों के अंतर से गठबंधन के बसपा प्रत्याशी को चुनावी दंगल में धूल चटाई थी। पुष्पेन्द्र ने यहां की सीट पर दूसरी बार कमल खिलाया था।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज

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