अभिनव संस्था का “नारी सशक्तिकरण“, “यूज मी“ एवं माइम के एकल अभिनय का शानदार मंचन

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अभिनव संस्था का “नारी सशक्तिकरण“, “यूज मी“ एवं माइम के एकल अभिनय का शानदार मंचन


प्रयागराज, 27 दिसम्बर (हि.स.)। सांस्कृतिक संस्था अभिनव के 47 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर इसके संस्थापक स्व. प्रकाश नारायण की स्मृति को समर्पित आयोजन के माध्यम से संस्था ने अपने संस्थापक द्वारा स्थापित कला, संस्कृति और सामाजिक चेतना के मूल्यों को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया। जो अभिनव की चार दशकों से अधिक की सांस्कृतिक यात्रा और उसकी सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

असम से पधारे अंतरराष्ट्रीय माइम दिग्गज मोईनुल हक एवं उनके सहयोगी कंगकन तालुकदार के नेतृत्व में, अभिनव (सांस्कृतिक संगठन), प्रयागराज द्वारा स्थानीय उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में यह आयोजन सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ, न्यायमूर्ति राजीव मिश्र एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रधानाचार्य रानी रेवती देवी की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी (अवकाश प्राप्त), उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने की।

संस्था के मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में अभिनव संस्था के पंद्रह नव युवाओं ने सहभागिता की। प्रथम प्रस्तुति ‘नारी सशक्तिकरण’ विषय पर आधारित थी, जिसमें एक संघर्षशील नारी के जीवन, उसके आत्मबल और संघर्ष को प्रभावशाली ढंग से मंच पर उकेरा गया। सरगम लता ने उस माँ की भूमिका निभाई, जिसने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपनी बेटी को उच्च अधिकारी बनने तक पहुंचाया। आदित्य सिंह ने लापरवाह शराबी तथा सर्वेश प्रजापति ने अय्याश अमीर की भूमिका में अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।

दूसरी प्रस्तुति ‘यूज़ मी’ के माध्यम से स्वच्छता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व का सशक्त संदेश दिया गया। नेत्रहीन व्यक्ति की भूमिका में अभिषेक कुमार सिंह का अभिनय विशेष रूप से सराहनीय रहा। इसके अतिरिक्त सेल्फी के अति प्रयोग से उत्पन्न सामाजिक विकृतियों को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया। इन प्रस्तुतियों में भाग लेने वाले कलाकार राहुल यादव, समृद्धि गौर, ऋचा शुक्ला, सारिका केसरवानी, संस्कृति केसरवानी, निष्ठा केसरवानी, गुंजन शर्मा, शुभिक्षा तिवारी सहित अन्य कलाकारों ने अपने सजीव अभिनय से दर्शकों को हंसाया और सामाजिक चेतना की नई सीख भी दी।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर माइम महागुरु मोईनुल हक की एकल प्रस्तुतियों ने पूरे वातावरण को जीवंत और ऊर्जावान बना दिया। Childhood of Moinul, Balloonwala Moinul, I Love You Moinul, Moinul in Buffet तथा Boxing Champion Moinul जैसे पांच सशक्त आइटम्स के माध्यम से उन्होंने हास्य, संवेदना और सामाजिक व्यंग्य का अनुपम समन्वय प्रस्तुत किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

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