स्तन कैंसर का इलाज भविष्य में आयुर्वेदिक औषधि रुद्र रस से होगा
वाराणसी, 19 नवम्बर (हि.स.)। स्तन कैंसर के मरीजों का इलाज अब आयुर्वेदिक औषधियों से संभव हो सकेगा। मॉडर्न मेडिसिन (एलोपैथ) में इसका बहुत संक्षिप्त इलाज है। इन दवाओं के साइड इफेक्ट भी बहुत है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) आयुर्वेद संकाय के रसशास्त्र विभाग में विगत कई वर्षों से कैंसर के उपचार के लिए आयुर्वेदिक औषधि निर्माण पर शोध विभागाध्यक्ष प्रो. देवनाथ सिंह गौतम और आयुर्वेदिक फार्मेसी अधीक्षक के देखरेख में हो रहा है।
शोध एवं एम.डी. (आयुर्वेद) के छात्रों को कैंसर के रोक थाम के लिए आयुर्वेदिक औषधि के आविष्कार के लिए शोध प्रबंध भी दिया जा रहा है। प्रो. देवनाथ सिंह गौतम की देखरेख में शोध कर रहे छात्र डाॅ. मनोज दास ने कैंसर के उपचार के लिए रुद्र रस पर शोध किया। रुद्र रस में पारद, गंधक से निर्मित रस सिंदूर, हीरक भस्म में पुनर्नवा स्वरस ,चोलयी स्वरस, ताम्बुल स्वरस, निर्गुन्डी स्वरस, पिप्पली स्वरस एवं गौमूत्र की भावना देकर निर्मित किया गया। फिर कैंसर सेल लाइन पर तथा चूहों पर इसका क्लिनिकल ट्रायल किया गया। इसमें मिला परिणाम बहुत लाभदायक रहा। भविष्य में इसका क्लिनिकल ट्रायल स्तन कैंसर के मरीजों पर किया जायेगा। यदि इस औषधि का प्रभाव स्तन कैंसर को ठीक करने में पूर्ववत रहेगा तो यह औषधि भविष्य में महिलाओं में स्तन कैंसर का एक सस्ती, प्रभावी एव उपद्रव रहित चिकित्सा व्यवस्था हो सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप
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