दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें

दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें
WhatsApp Channel Join Now
दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें


दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें


दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें


दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें


दाऊजी का हुरंगाः प्रेम पगे कोड़े खाने को बेताव नजर आए हुरियारें


मथुरा, 26 मार्च (हि.स.)। तीर्थनगरी मथुरा के बलदेव में मंगलवार की दोपहर ब्रज के राजा श्री दाऊजी महाराज का विश्व प्रसिद्ध हुरंगा मनाया गया। हुरंगा पर हुरियारिनें नृत्य महारास किया। इसे देखने को लोगों का जनसैलाब उमड़ा। बैंड-बाजे की धुन पर होली रसिया गीतों का गायन किया गया। नृत्य महारास चला। सैकड़ों महिलाएं परंपरागत पोशाक लहंगा, फरिया, स्वर्ण आभूषण पहनकर गायन के साथ नृत्य किया। इस विश्व प्रसिद्ध हुरंगे को देखने के लिए आगरा जोन एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ, आईजी आगरा दीपक कुमार सहित एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय परिवार के साथ पहुंचे।

श्री दाऊजी महाराज का विश्व प्रसिद्ध हुरंगा देखने को मंगलवार भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया। हुरियारिनों ने हुरियारों के नंगे बदन पर तड़ातड़ कोड़ों की मार लगाई। हुरंगा के नायक शेषावतार श्री दाऊजी महाराज रहे। हुरंगा में पुरुषों के गोप समूह को महिलाओं की गोपिका स्वरूपों द्वारा प्रेम से भीगे कोड़ों की मार लगाई गई। कपड़े फाड़कर नंगे बदन पर कोड़े पड़े तो दृश्य देखकर दर्शक आनंदित हो उठे। हुरंगा 12 बजे शुरू हुआ। गोपिका स्वरूप महिलाएं परंपरागत लहंगा फरिया पहनकर पहुंची। मंच पर श्रीकृष्ण-बलराम सखाओं ने अबीर गुलाल उड़ाया।

हुरंगा में गोस्वामी श्री कल्याण देव जी के वंशज सेवायत पांडेय समाज ही खेलते हैं। समाज गायन में ‘होली आई रे श्याम सुध लीजो’ के स्वर सुनाई दिए। महिलाओं ने ‘नंद के तोते गोरी जब खेलूं मेरी पोहची में नग जड़वाय, स्वरों का गायन किया। महिलाएं, पुरुषों के बदन से कपड़े फाड़कर उसका कोड़ा बनाया। इसे टेशू के रंग में भिगोकर उनके नंगे बदन पर कोड़े बरसाए। कोड़े पड़ने के साथ ही पुरुष थिरक पड़ते। वह अपनी चोट छिपाने के लिए गायन और नृत्य करने लगे। छतों से गुलाल, फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं गईं।

इस मौके पर लाल रंग के गुलाल से जैसे लाल बदरा ही छा गए हों। हुरंगा में हुरियारिनें झंडा छीनने का प्रयास करती रहीं। वहीं पुरुष उसे बचाने के प्रयास में जुटे रहे। अनंतः महिलाएं झंडा छीनने में सफल हो गईं। इसके बाद महिलाओं ने “हारे रे रसिया जीत चली ब्रज नारि’ का गायन किया। इसके बाद हुरंगा संपन्न हुआ। लोगों ने अपने घरों को प्रस्थान किया।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story