लोहिया संस्थान में पहली बार मिला बॉम्बे ब्लड ग्रुप का मरीज
लखनऊ, 06 अगस्त (हि.स.)। राजधानी लखनऊ के डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पहली बार बॉम्बे ब्लड ग्रुप के मरीज की पहचान हुई है। लोहिया संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुब्रत चंद्रा द्वारा बताया गया कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप भारत में दस हजार व्यक्तियों में से किसी एक को पाया जाता है। यूरोपीय तथा विकसित देशों में 10 लाख में से एक इसमें एचएच एक ही एंटीजन (एच) लाल रक्त कणिकाए पाया जाता हैं, जिससे यह एबीओ ग्रुप से अलग होता है जिस कारण इसके मरीज को केवल एचएच बॉम्बे ब्लड ग्रुप का ही रक्त लिया या दिया जा सकता है।
डाॅ. राम मनोहर लोहिया संस्थान में राखी (बदला हुआ नाम) उम्र 25 वर्ष, महिला प्रसव के 40 हफ्ते 6 दिन के बाद रायबरेली से रेफर होकर राम मनोहर लोहिया संस्थान आई।
राखी पेशाब में खून आने की, सांस का फूलना तथा शिशु का गर्भ में कम घूमने की शिकायत के साथ संस्थान में आई। इसके बाद मरीज के खून का नमूना ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में आया जिसकी विस्तृत जांचों के बाद बाम्बे ब्लड ग्रुप में चिन्हित किया गया, क्योंकि यह अनुवांशिक होता है। इस मरीज को केवल यही रक्त का ग्रुप दिया जा सकता है। मरीज का हीमोग्लोबिन 5.1 पाया गया। इसके पश्चात विभाग द्वारा मरीज के पूरे परिवार की खून के नमूने की विस्तृत जांच की गई। मरीज के भाई का भी बॉम्बे ब्लड ग्रुप पाया गया। मरीज को उसके भाई का रक्त दिया गया। मरीज प्रसव उपरान्त अब सुरक्षित है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन यादव / दिलीप शुक्ला
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