मुझे जो पुरस्कार मिला है, आशीर्वाद दीजिए उस पर मैं खरा उतर सकूं : जगद्गुरू रामभद्राचार्य
माताजी के नाम से बने विद्यालय का किया उद्घाटन
जौनपुर,10 मार्च (हि.स.)। सुजानगंज क्षेत्र के श्री गौरीशंकर संस्कृत महाविद्यालय में रविवार को जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महराज का स्वागत हुआ। सभी छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों ने ढोल नगाड़े बजाकर पुष्प वर्षा करते हुए गुरु जी का स्वागत किया।
जनसमूह को संबोधित करते हुए गुरु जी ने कहा कि मुझे जिस उद्देश्य से यह पुरस्कार मिला है, आप लोग आशीर्वाद दीजिए, उस पर मैं खरा उतर सकूं। इसके बाद राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने कहा कि गुरु जी को यह सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था। गुरु जी जैसा विद्वान पूरी दुनिया में कोई नहीं है। गुरु जी ने सैकड़ों पुस्तकों की रचना की है।
भाजपा नेता कृपाशंकर सिंह ने कहा कि ज्ञानपीठ का आज सम्मान बढ़ गया जो गुरु जी को यह प्राप्त हुआ। जयपुर संस्कृत विश्विद्यालय के कुलपति प्रो.रामसेवक दुबे, स्वामी रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शिशिर पांडेय, पूर्व आयुक्त गौरीशंकर सिंह सहित अन्य लोगों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. जय प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि यह सम्मान न सिर्फ गुरुजी को मिला है, बल्कि पूरे क्षेत्र को मिला है। कार्यक्रम के शुरू में प्राचार्य डॉ विनय त्रिपाठी ने गुरुजी का पाद पूजन किया। कार्यक्रम का संचालन ओम प्रकाश दुबे ने किया।
इसके पहले स्वामी रामभद्राचार्य ने जन्मस्थली में शचिपुरम में बने एक प्राथमिक विद्यालय का उद्घाटन किया और कहा कि प्राथमिक विद्यालय शचीपुरम मेरी माता जी के नाम पर बना हुआ है। अपने माता-पिता पूर्वजों और समाज के लोगों के अगाध प्रेम और आशीर्वाद से ही मैं यहां तक पहुंचा हूं। इस विद्यालय के सर्वांगीण विकास के लिए जितना संभव होगा,उतना मैं करूंगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बाल्यकाल के प्रसंग पर भी प्रकाश डाला।
इसके पहले रमापति मिश्रा ने उनके द्वारा किए गए गांव के विकास के बारे में भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी ने जगतगुरु के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जगद्गुरु केवल इस क्षेत्र ही नहीं, बल्कि आप अपने देश की एक धरोहर हैं। कार्यक्रम को बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल जगद्गुरु के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास जी महाराज ने दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर पान्डेय आदि ने भी संबोधित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/राजेश
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