भाजपा उम्मीदवार जय प्रकाश रावत को अपनों की नाराजगी पड़ सकती है भारी
हरदोई,12 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा उम्मीदवार जय प्रकाश रावत के लिए नाराज लोगों को मनाना बड़ी चुनौती है। पार्टी को आशंका है कि टिकट पाने में लगे नेता भाजपा का खेल बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में डैमेज के पहले कंट्रोल करने की रणनीति तैयार की गई है। भाजपा ने अपने वरिष्ठ व दिग्गज नेताओं को मनुहार की जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल, राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक बाजपेई, पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी,जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री कृष्ण शास्त्री और क्षेत्रीय महामंत्री अनुसूचित जाति मोर्चा के पीके वर्मा को शामिल किया गया है।
उल्लेखनीय है कि काफी प्रयासों के बाद वर्ष 2019 के निकाय चुनाव में भाजपा उम्मीदवार जय प्रकाश रावत को जीत मिली थी। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में हालात अलग थे। सूत्रों का कहना है कि अब पूर्व सांसद नरेश अग्रवाल के सक्रिय हो जाने से पूरे जिले में भाजपा काफी मजबूत होती दिखाई दे रही है। ऐसे में नरेश अग्रवाल के डैमेज कंट्रोल कमेटी में शामिल होने से सबसे अधिक लाभ भाजपा को मिलेगा।
हरदोई सुरक्षित सीट पर भाजपा ने एक बार पुनः जय प्रकाश रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के इस फैसले को लेकर कई लोग अंदर ही अंदर काफी नाराज बताए जा रहे हैं। ऐसे में ये लोग पार्टी के साथ भितरघात कर सकते हैं। पूर्व में निर्दलीय के रूप में भी चुनाव लड़ने की बातें सामने आ रही थीं, मगर चुनावी मैदान में उतरने का साहस नहीं दिखा सके। ऐसे में अंदर ही अंदर विरोध करने की आशंका बनी हुई है। अब डैमेज कंट्रोल कमेटी इन लोगों को मनाने का काम करेगी। फिलहाल हरदोई सीट पर चतुर्थ चरण में 13 मई को मतदान होगा। समाजवादी पार्टी ने हरदोई में पूर्व सांसद ऊषा वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। अभी चुनावी मैदान में सिर्फ दो ही उम्मीदवार दृष्टिगोचर हो रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अम्बरीष
/राजेश
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