हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की मनाई जन्म जयंती
प्रयागराज, 03 अगस्त (हि.स.)। हिन्दुस्तानी एकेडेमी उप्र, प्रयागराज के तत्वावधान में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जन्म जयंती पर शनिवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सामाजिक सरोकारों से रुबरु होते हुए रचनाकारों ने रचनाओं में विविध रंग उड़ेले जिनका रसास्वादन करके श्रोता भाव विभोर हो गये।
कार्यक्रम का शुभारम्भ एकेडेमी के सचिव देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कवियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह देकर किया। एकेडेमी के सचिव ने कहा ’हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने 1987 में राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की जन्म शताब्दी के अवसर पर उनके जन्म दिवस 3 अगस्त को ‘कवि-दिवस’ के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया। जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने 26 अप्रैल 1987 को राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की स्मृति में प्रतिवर्ष 3 अगस्त को कवि-दिवस के रूप में आयोजित किए जाने की घोषणा की और तभी से प्रतिवर्ष ’कवि-’दिवस’ का आयोजन एकेडेमी द्वारा किया जाने लगा।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर असलम आदिल इलाहाबादी (प्रयागराज) तथा संचालन डॉ. श्लेष गौतम ने किया। शरद श्रीवास्तव, डॉ. इन्दु प्रकाश सिंह ’इन्दु’, डॉ. साधना श्रीवास्तव, अमित मिश्रा मालवीय, शैलेन्द्र जय, राधा शुक्ला, आभा मधुर, मिस्वाह इलाहाबादी ने काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन में कवियो ने कविता के सभी रसों से सराबोर किया तथा समाज की विसंगतियों पर प्रहार करते हुए कविताएं सुनायी।
अंत में एकेडेमी के प्रशासनिक अधिकारी गोपालजी पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर डॉ. शान्ति चौधरी, प्रो. रणजीत, डॉ. अजय गोविनद राव, आर के एस चौहान, दिनेश दुबे, आलोक मालवीय, नाजिम अंसारी, एम एस खान, डॉ. आनंद प्रकाश सिंह, प्रेम नारायण शर्मा आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / बृजनंदन यादव
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