बीएचयू प्रयोगशाला को भारत सरकार से मिलेगी 2 करोड़ रुपये की अनुदान राशि
वाराणसी, 09 नवम्बर (हि.स.)। जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर स्थित जन्तु विज्ञान विभाग की साइटोजेनेटिक्स प्रयोगशाला में “ड्रोसोफिला तकनीक के इस्तेमाल के लिए शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र” की स्थापना की है। इस प्रशिक्षण केन्द्र का उद्देश्य कक्षा व प्रयोगशाला शिक्षण में ड्रोसोफिला तकनीक का प्रयोग करने के बारे में शिक्षकों व युवा अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षित करना है। योजना के तहत भारत सरकार से पांच वर्ष की अवधि के दौरान साइटोजेनेटिक्स प्रयोगशाला स्थित इस प्रशिक्षण केन्द्र की गतिविधियों के लिए दो करोड़ रुपये की अनुदान राशि मिलेगी। यह प्रयोगशाला अपने उच्च कोटि के अनुसंधान के लिए ख्याति प्राप्त है।
विश्वविद्यालय स्थित विज्ञान संस्थान में आचार्य प्रो. एस. सी. लखोटिया इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक हैं तथा सहायक आचार्य डॉ. ऋचा आर्य एवं डॉ. बामा चरण मंडल सहायक मुख्य अन्वेषक हैं। वे भारत सरकार के डीबीटी ‘स्टार’ कॉलेज योजना के तहत कक्षा में पाठन के लिए ड्रोसोफिला तकनीक के प्रयोग में शिक्षकों व अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य युवा शोधकर्ताओं को फ्लाई तकनीक में कुशल बनाना होगा, जिससे वे भविष्य में उत्कृष्ट अनुसंधान कर सकें। केन्द्र शोधार्थियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता की अध्ययन सामग्री भी तैयार करेगा।
प्रो. लखोटिया ने बताया कि अगले पांच वर्ष की अवधि में केन्द्र 15 प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करेगा, जिनमें शिक्षक व युवा वैज्ञानिक ड्रोसोफिला मॉडल की आधुनिक तकनीकों के बारे में सीखेंगे, जिससे उच्च कोटि के वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन
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