भूतपूर्व सैनिकों ने एयर स्ट्राइक का किया समर्थन, साझा किए अपने अनुभव

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हाथरस, 7 मई (हि.स.)। बीती रात भूतपूर्व सैनिकों ने पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक का समर्थन किया है। उनका मानना है कि आतंकवाद को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को नष्ट करना जरूरी है।

1971 के युद्ध में नौसेना में सेवारत रहे लीडिंग सेलर विष्णु स्वरूप शर्मा ने अपने अनुभव साझा किए। सुखराम गांव के निवासी शर्मा 1969 में नौसेना में भर्ती हुए थे। 1971 के युद्ध से पहले उन्हें कराची के पास तैनात किया गया था। युद्ध शुरू होने पर उन्हें कराची बंदरगाह पर कब्जा करने और वहां की रिफाइनरी को नष्ट करने का आदेश मिला। शर्मा ने बताया कि मिशन के दौरान पाकिस्तानी पनडुब्बी ने उनके एक पोत को डुबा दिया। फिर भी, उनकी टीम ने रात में कराची बंदरगाह पर कब्जा कर लिया और रिफाइनरी को पूरी तरह नष्ट कर दिया। युद्धविराम तक वे वहीं डटे रहे। वापसी के दौरान अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने उन्हें घेर लिया, लेकिन रूस के सहयोग से वे सुरक्षित लौट आए। 1968 में सेना में भर्ती हुए सैनिक महेंद्र सिंह ने जैसलमेर सेक्टर की कहानी सुनाई। पाकिस्तान के लगभग 70 टैंक भारतीय सीमा में घुस आए थे। भारतीय वायुसेना के हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और बाकी टैंक छोड़कर भाग गए। ये टैंक आज भी देश के विभिन्न शहरों के चौराहों पर प्रदर्शित हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मदन मोहन राना

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