भगवान बुद्ध की तपस्थली संकिसा में बुद्धा अवतरण समारोह शुरू, पहुंचे हजारों अनुयायी

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संकिसा में ही तथागत ने आनन्द को सिखाई थी जीवन जीने की कला : भंते नागसेन

फर्रुखाबाद , 4 नवंबर (हि. स.)। भगवान बुद्ध की तपस्थली रहे उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के गांव संकिसा में मंगलवार को बुद्धा अवतरण समारोह का शुभारंभ अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य ने ध्वजारोहण कर किया। इस मौके पर ध्वजारोहण कर तथागत के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला गया। भंते नागसेन ने कहा कि आज से ढाई हजार वर्ष पहले भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था । ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध संकिसा में आए थे ।

संकिसा में ही भगवान बुद्ध ने अपने प्रिय शिष्य आनंद को जीवन जीने की कला सिखाई थी। भंते नाग सेन ने कहा कि अध्यात्म की प्राप्ति के लिए तथागत का प्रिय शिष्य आनंद नंगे पैर कांटों पर चलने लगा तो भगवान बुद्ध ने आनंद को वीणा बजाने की याद दिलाते हुए कहा कि वह वीणा बजाने में निपुण रहे हैं, लेकिन बीड़ा के तार ढीले छोड़ देने पर उनमें संगीत पैदा नहीं होता और अधिक कस देने पर वह टूट जाते हैं। उनमें संगीत पैदा करने के लिए बीच की स्थिति पैदा करनी होगी ,तभी उनमें संगीत पैदा होगा। इसी तरह से जीवन है। इसके जीने की कला ठीक बीड़ा के तारों की तरह है। इस अवसर पर हजारों की संख्या में बौद्ध अनुयायियों ने भाग लिया और महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर विचार-विमर्श किया।

हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar

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