भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम जीवित सभ्यता: सुधीर गुप्ता
मुरादाबाद, 15 दिसम्बर (हि.स.)। अध्यात्म ज्ञान एवं चिन्तन संस्था की 176 वीं मासिक ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी रविवार को एमआईटी सभागार रामगंगा विहार में संपन्न हुई। गोष्ठी का विषय ‘हमारा देश दशा, दिशा और आवश्यकता’ रहा। मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता ने बताया कि यद्यपि भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम जीवित सभ्यता है लेकिन पिछले 1000 वर्षों से अन्य सभ्यताओं एवं संस्कृतियों के अनुयायियों द्वारा लगातार हमारी सभ्यता को नष्ट करने का प्रयास किया जाता रहा है।
सुधीर गुप्ता ने आगे कहा कि हाल के कुछ वर्षों में यह प्रयास बहुत अधिक होने लगा है और कुछ स्वार्थी और मौकापरस्त लोगों के कारण हमारे देश में निरन्तर विघटन और गिरावट हो रही है जिससे हमारे देश और समाज का पतन हो रहा है। यदि यही हालात रहे तो हो सकता है कि हम फिर से दुष्ट, उपद्रवी, देशद्रोही व्यक्तियों के गुलाम हो जाएं। इससे बचने के लिए हमें संगठित होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
गोष्ठी में सुधीर गुप्ता एडवोकेट, अरविंद चौधरी गुरुजी, रविन्द्र नाथ कत्याल, वाचस्पति मिश्र, महन्त गुरविंदर सिंह, धवल दीक्षित, सूर्य प्रकाश द्विवेदी, अनिल सिक्का, गिरधर गोपाल पाण्डेय, आश्रय दर्शन दास, सौरभ अग्रवाल, मृदुला दुबे ने विचार व्यक्त किए। संचालन एवं आभार अभिव्यक्ति आचार्य धीरशान्त अर्द्धमौनी ने की।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल
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