भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम जीवित सभ्यता : सुधीर गुप्ता
मुरादाबाद, 21 दिसम्बर (हि.स.)। अध्यात्म ज्ञान एवं चिन्तन संस्था की 187 वीं मासिक ब्रह्मज्ञान विचार गोष्ठी का आयोज रविवार को एमआईटी सभागार में किया गया जिसका विषय था 'भारतीय संस्कृति की रक्षा के उपाय'। इस विषय का विवेचन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि यद्यपि भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम जीवित सभ्यता है तथा हमारी संस्कृति के सिद्धांत अद्वितीय हैं परन्तु आज अन्य सभ्यताओं व धर्मों के प्रभाव के कारण हमारी संस्कृति विनाश की ओर जाने लगी है।
सुधीर गुप्ता एडवोकेट ने आगे बताया कि अपनी संस्कृति को नष्ट होने से बचाने केलिए कई कार्य करने आवश्यक है जिनमें प्रमुख है, जिसमें हमारी नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और देश के सही इतिहास का ज्ञान दिया जाए, आज हमारा समाज विभिन्न जातियों-उपजातियों में तथा दलित और सवर्ण में बंट गया है जबकि ये सभी हिन्दू समाज के अंग हैं लेकिन कुछ स्वार्थी व्यक्तियों और राजनैतिक दलों ने हमारे बीच दूरियां बढ़ा दीं इसलिए समाज के विभिन्न सम्प्रदायों व विभिन्न जातियों के व्यक्तियों को एक प्लेटफॉर्म पर एकत्रित किया जाए, समाज के निर्बल, निःसहाय, शोषित व्यक्तियों की सहायता के लिए स्वयंसेवक समूह बनाए जाएं।
विचार गोष्ठी में सुधीर गुप्ता एडवोकेट, वाचस्पति मिश्र , आचार्य धीरशांत दास अर्धमोनी , डॉ सत्य प्रकाश सिंह, अनिल सिक्का, मुकुल अग्रवाल, अनिल सिंह, संजू कुमार शर्मा, विनोद कुमार दुबे, राधे श्याम गर्ग, राहुल सिंह, मलखान सिंह, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, आयुष ठाकुर एवं अभिषेक शर्मा उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल

