हमें भगवान के दर्शन मन-वचन-कर्म के तीनों योग को मिलाकर करने चाहिए : नमोस्तु सागर महाराज

हमें भगवान के दर्शन मन-वचन-कर्म के तीनों योग को मिलाकर करने चाहिए : नमोस्तु सागर महाराज
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हमें भगवान के दर्शन मन-वचन-कर्म के तीनों योग को मिलाकर करने चाहिए : नमोस्तु सागर महाराज










- आचार्य 108 नमोस्तु सागर जी महाराज का जैन धर्मशाला में हुआ मंगल आगमन

मुरादाबाद,15 अप्रैल (हि.स.)। भारत गौरव 108 आचार्य जी पुण्य सागर जी महाराज के शिष्य आचार्य 108 नमोस्तु सागर जी महाराज का मंगलवार को मुरादाबाद की पावन नगरी की मेंढ जैन धर्मशाला में हुआ है। आचार्य श्री के मंगल आगमन में अनेकों श्रद्धालुओं के साथ विहार में हिस्सा लिया।

आचार्य श्री ने आज के प्रवचन में कहा कि हमें भगवान के दर्शन तीनों मन वचन के तीनों योग को मिलाकर करने चाहिए, तभी हमारे सभी कार्यों की सिद्धि होती है हम जोटं भगवान से चाहते हैं वह पूरा होता है। उन्होंने कहा कि श्री चंद्र प्रभु भगवान का यह जैन मंदिर अत्यंत अतिश्यकारी है।

दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन ने आचार्य श्री के सभी व्यवस्थाओं का संज्ञान लिया। महिला अध्यक्ष नीलम जैन ने बताया आचार्य श्री महावीर जयंती तक यहीं पर रहेंगे और महावीर जयंती की के पर्व पर होने वाली रथ यात्रा में हिस्सा लेंगे।

महावीर जयंती महोत्सव समिति के अध्यक्ष अरविंद जैन संयोजक सलिल जैन ने बताया कि इस बार रथ यात्रा की विशेष तैयारी चल रही है और मयूर जैन को विशेष तौर पर नाइट प्रोग्राम केलिए आमंत्रित किया गया है। प्रतिदिन सभी कार्यक्रम बहुत धूमधाम से संपन्न होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित/राजेश

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