अपराध की प्रवृति छोड़ने के लिए कैदियों को सुनाया जा रहा भागवत कथा

अपराध की प्रवृति छोड़ने के लिए कैदियों को सुनाया जा रहा भागवत कथा
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अपराध की प्रवृति छोड़ने के लिए कैदियों को सुनाया जा रहा भागवत कथा


कौशांबी,10 दिसंबर (हि.स.)। जेल प्रशासन ने जिला जेल में रविवार से बंदियों के लिए भागवत कथा का आयोजन किया। तीन दिन के कार्यक्रम में बंदियों को अपराध की प्रवृत्ति को छोड़ने में मदद मिल सकेगी।

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय मंत्री व सांसद विनोद सोनकर ने बताया कि इस कार्यक्रम के पीछे प्रधानमंत्री मोदी की सोच है। सांसद के मुताबिक पीएम मोदी ने कौशांबी जेल के बंदियों की रचनात्मकता को देख कर इसकी तारीफ मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं।

जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय जानि।

बंदऊ सब के पद कमाल सदा जोरि जुग पानि॥

देव दनुज नर नाग खग प्रेत पितर गंधर्व।

सांसद विनोद सोनकर ने बताया कि रामचरितमानस के बालकाण्ड में तुलसीदास जी ने कहा है कि इस संसार में सबकुछ राममय मानकर और जानकर सभी की वंदना की। जब सब राममय ही है तब देवता और दानव की वंदना करना भी उचित है। कुछ अर्थ को आधार बनाकर जिला जेल में भागवत कथा का आयोजन किया गया है।

सांसद विनोद सोनकर के मुताबिक,उनका मानना है कि कोई जन्म से अपराधी नहीं होता है। उनके जीवन में जो घटना घटी है। उसका पश्चाताप हो सके। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी के प्रेरणा से जेल में बंदियों के भागवत कथा का आयोजन किया है। मकसद सिर्फ यह है कि समाज व कानून एक अवसर सभी को जीवन जीने का देता है। प्रयास है बंदी जानें-अनजाने में जिस अपराध को कर बैठे हैं। उसका पश्चाताप कर समाज की मुख्य धारा में आ सकें। इसका सबसे सशक्त माध्यम भागवत कथा है। जिसका श्रवण बंदियों को कराया जा रहा है।

प्रभारी जेल अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया, शासन के मंशा के अनुरूप जेल में कथा का आयोजन किया गया है। मकसद साफ है जेल से निकल कर बंदी समाज की मुख्य धारा में आएं। ताकि देश समाज में अपराध को कम किया जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय कुमार/राजेश

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