जीवेगो सो खेलेगो के साथ हुआ बरसाना के 40 दिवसीय होली महोत्सव का समापन
सफेद छतरी में विराजमान हुई श्रीराधारानी बरसाई भक्तों पर कृपा
मथुरा, 25 मार्च(हि.स.)। बरसाना की लाडली श्रीराधारानी के आंगन में 40 दिवसीय होली उत्सव का सोमवार को समापन हो गया। इस बीच श्रीराधारानी ने अपने गर्भगृह से बाहर निकलकर भक्तों पर कृपा का सागर उड़ेला।
बरसाना में होने वाली प्रसिद्ध लड्डू व लठामार होली तथा फाग महोत्सव का शुभारंभ बंसत पंचमी के दिन से लाडली जी मंदिर में ध्वज रूपी डाढ़ा गाढ़कर किया जाता है। चालीस दिवसीय इस होली महोत्सव के आनंद के रंग में श्रद्धालु बड़े भाव से राधाकृष्ण की इन लीलाओं का आनंद लेते है।
गोस्वामी समाज के लोगों द्वारा मन्दिर परिसर में फाग महोत्सव का अन्तिम पद जीवेगो सो खेलेगो... गाकर चालीस दिवसीय होली धमार का समापन कर दिया। इसके साथ ही ढप, मृदंग, झांझ आदि अगले वर्ष के लिए रख दिए गए। शाम पांच बजे बृषभान नंदनी के डोला को सेवायत कंधों पर उठाकर मंदिर परिसर में बनी संगमरमर की सफेद छतरी में विराजमान किया।
होली महोत्सव के अंतिम दिन राधा-कृष्ण की युगल जोड़ी के दर्शन करके श्रद्धालुओं ने अपने आपको कृतार्थ माना। बृषभान नंदनी भी अपने भक्तों पर कृपा का सागर उडे़ल रही थी। शाम सात बजे लाडली जी के डोले को वापस मंदिर में ले जाया गया। इसके उपरांत गोस्वामी समाज की कन्याओं द्वारा आरती की गई। वहीं श्यामा प्यारी के नजदीक से दर्शन करने के लिए श्रद्धालु बेताब नजर आ रहे थे। पूरा मंदिर परिसर राधा-कृष्ण के जयघोष से गुंजेयमान हो उठा।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश
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