बनारस क्वियर प्राइड समूह ने मनाया 'फ्री हग डे',दिया प्रेम और सहिष्णुता का सन्देश

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बनारस क्वियर प्राइड समूह ने मनाया 'फ्री हग डे',दिया प्रेम और सहिष्णुता का सन्देश


वाराणसी,24 नवंबर(हि.स.)। बनारस क्वियर प्राइड समूह ने बनारस प्राइड कार्यक्रम शृंखला में शुक्रवार को खिड़कियाघाट पर सार्वजनिक गले मिलने (फ्री हग डे) के कार्यक्रम का आयोजन किया। घाट पर बनारस में मानवता प्रेम और सहिष्णुता का सन्देश देते हुए संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने फ्री हग डे लिखे हुए बड़े से पोस्टर को लहराया। इस दौरान मैं गे हूं, मैं लेस्बियन हूं, मैं बाईसेक्सुअल हूं आदि लिखें प्ले कार्ड अपने गले में कार्यकर्ताओं ने लटका रखा था। इस कार्यक्रम में शामिल एक कार्यकर्ता ने बताया कि हम एलजीबीटी समुदाय के प्रति समाज में बहिष्करण और अपराध बोध के भाव को कम करना चाहते हैं। असमानता, हिंसा, और गैरबराबरी को समाप्त करने के लिए ऐसे आयोजन बनारस में हमेशा होते रहना चाहिए ।

कार्यक्रम की संयोजक नीति ने बताया कि फ्री हग कार्यक्रम प्राइड शृंखला का दूसरा आयोजन है। इसके पहले पोस्टर बनाओ कार्यक्रम आयोजित हुआ था। आगे फ्लैश मॉब और लैंगिक भेदभाव मिटाने के उद्देश्य से फ़िल्म प्रदर्शन नाटक और चर्चा आदि के कई आयोजन होने हैं। दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में एक प्राइड वॉक, मार्च के साथ हम इसका भव्य गौरवपूर्ण समापन करेंगे। इस आयोजन की पूरी बागडोर क्वीयर समुदाय के साथियों ने ले रखी है। अन्य सदस्यों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर दिए कई आदेशों में समुदाय के नागरिकों को संरक्षण दिए जाने और उन्हें उनकी मर्जी से जीवन जीने के संवैधानिक अधिकार को मुहैया कराए जाने का आदेश पारित किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कई वर्षों के अध्ययनों के बाद इस निर्णय पर पंहुचा है कि क्वीर समुदाय किसी भी तरह के मानसिक या शारीरिक अक्षमता में नही हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भी लैंगिक विषयों पर संवेदनशील समाज बनाने के लक्ष्य को देखते हुए लैंगिक समझदारी और संवेदनशीलता बढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम बनाने पर जोर दिया गया है।

कार्यकर्ता रणधीर ने बताया की एक अध्ययन से पता चला है की फ्री हग यानी की गले मिलने से दिमाग में ऑक्सीटोसिन या फील-गुड केमिकल का स्तर बढ़ जाता है जो हमें खुश, एक्टिव और शांत बनाता है। गले लगाने से दूसरे व्यक्ति से जुड़ना आसान हो जाता है। गले लगाने से पता चलता है कि हम सुरक्षित हैं, प्यार करते हैं, और अकेले नहीं हैं। कार्यक्रम में परीक्षित, शिवांगी, अनुज, वैभव, दीक्षा, साहिल, आयुष, आर्या, तुषार आदि ने भागीदारी की।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम

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