शिक्षा ही है राष्ट्र की प्रगति का सशक्त माध्यम : आनंदीबेन पटेल
बलिया, 26 नवम्बर (हि.स.)। उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विद्यार्थियों से कहा कि दीक्षान्त का अर्थ शिक्षा का अंत होना नहीं है, बल्कि एक ऐसा पड़ाव है जहां विद्यार्थी अपनी अर्जित शिक्षा को कर्म क्षेत्र में उतारने का संकल्प लेता है। किसी भी समाज और राष्ट्र की प्रगति में सबसे सशक्त माध्यम शिक्षा ही है। मुझे विश्वास है कि आपने इस विश्वविद्यालय से जो शिक्षा ग्रहण की है, वह आपके जीवन-पथ को आलोकित करेगी।
वह जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में रविवार को विश्वविद्यालय परिसर के दीक्षांत मंडप में हुआ। इसमें कुल 24802 विद्यार्थियों ने उपाधि प्राप्त किया। जिसमें इसमें स्नातक स्तर के इक्कीस 372 व स्नातकोत्तर स्तर के तीन हजार 430 विद्यार्थी शामिल हैं। इसमें 13,347 छात्राएं व 11.454 छात्र हैं। राज्यपाल ने 38 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिया, जिसमें 12 छात्र व 26 छात्राएं थीं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा, राजनीतिक, प्रशासन, खेल और कला आदि कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं बचा है, जहां बेटियां अपनी प्रतिभा का लोहा न मनवा रही हों। यह प्रत्येक क्षेत्र में लड़कों की न सिर्फ बराबरी कर रही हैं, बल्कि कई क्षेत्रों में ये लड़कों से आगे नजर आ रही है। सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए तमाम योजनाएं चलाई। लड़कियों को भी मौका मिला तो परिणाम लाकर दिखा भी दिया।
उन्होंने कहा कि हम सबको अपने मौलिक कर्तव्यों को जानना चाहिए और उसका निर्वहन करना चाहिए। युवा पीढ़ी को भी मूल कर्तव्यों का ज्ञान कराया जाना अति आवश्यक है। युवाओं में नशे की लत को लेकर उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त बुराईयों का भी संकल्प युवाओं को लेना हेागा। इतनी उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद बुराईयों को खुद से दूर नहीं रख सकते तो ऐसी शिक्षा की आवश्यकता नहीं। कहा कि विवि के रिसर्च का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को मिले। गांव वालों की समस्याओं का समाधान करने की पहल हमेशा हो।
बेटियों को एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवाएं
राज्यपाल ने समारोह में कहा कि इस देश को स्वस्थ महिलाओं की आवश्यकता है। वर्तमान में कैंसर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि हर महिला अपनी बेटी को कैंसररोधी वैक्सीन जरूर लगवाएं। इसमें दो-तीन हजार का खर्च जरूर है, पर पतियों और भाईयों से उपहार में साड़ी व अन्य सामानों की जगह वैक्सीन लगवाने को जरूर कहें। बीमारी के बाद लाखों रूपए खर्च करने की वजाय वैक्सीन लगवाना बेहतर विकल्प है।
परिषदीय स्कूली बच्चों से किया संवाद, दिए उपहार
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हर बार की तरह इस बार भी परिषदीय स्कूलों के 30 बच्चों से बातचीत किया। उन्होंने सभी बच्चों को उपहार भी दिया। जिसमें स्कूल बैग, कापी किताबें, पेंसिल, पेन आदि पाठ्यसामग्री के साथ बिस्कुट, टाफ़ी आदि था। राज्यपाल से उपहार पाकर बच्चे काफी उत्साहित दिखे। बच्चों ने भी उनको पर्यावरण, संविधान व राष्ट्रीय ध्वज पर आधारित पेंटिंग भेंट किया। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से भी मिलकर पोषण किट का सदुपयोग कर कुपोषणमुक्त व टीबी मुक्त गांव बनाने का संदेश दिया। केंद्र पर बच्चों को खेलने के लिए तीन पहिया रिक्सा भी दीं। विश्वविद्यालय के गोद लिए हुए गांवों में पूर्व में आयोजित की गयी खेलकूद प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।
मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को करें प्रोत्साहित
राज्यपाल ने कहा कि गंगा व सरयू नदी के बीच होने के नाते प्रकृति ने भी इस क्षेत्र को अत्यंत उर्वरक कृषि योग्य भूमि दी है। आज पूरी दुनिया मिलेट्स यानी श्री अन्न अथवा मोटे अनाज के महत्व को जान चुकी है। इसलिए सभी विद्यार्थी व शिक्षक इस क्षेत्र के किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें। कृषि विज्ञान से जुड़े शिक्षक एवं विद्यार्थी श्री अन्न की गुणवत्ता और उत्पादकता की वृद्धि के लिए शोध और नवाचार करें, ताकि भारत अपने साथ-साथ पूरी दुनिया की आबादी को पोषण दे सके।
चरित्रवान विद्यार्थियों का निर्माण शिक्षा का मूल उद्देश्य : प्रो.वेदी
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय विवि धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के कुलाधिपति प्रो. हरमहेंद्र सिंह बेदी ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य चरित्रवान विद्यार्थियों का निर्माण करना है। आज ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जो रोजगारपरक हो।
उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जी ने आतंकवाद के समय पंजाब को राष्ट्रीय धारा में जोड़ने का जो श्रम किया, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम होगा। उन्होंने तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय के योगदान को बताते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने उपनिषद, वेद, रामायण, गुरुग्रंथ साहिब जैसे ग्रंथ दिए हैं, जिन्हें यूनेस्को ने विश्व विरासत ग्रंथ घोषित किया है। विवि द्वारा समुदाय के विकास के लिए किये जाने वाले कार्यों की उन्होंने सराहना की और उम्मीद जतायी कि यह विवि जनपद के आर्थिक, सामाजिक तथा सामाजिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
देश के लिए कुछ करना सबका कर्तव्यः योगेंद्र उपाध्याय
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा का आज वास्तविक प्रकटन हुआ है। अपने गुरुओं द्वारा प्रदत्त ज्ञान एवं कौशल को ये उपाधि प्राप्त विद्यार्थी अपने जीवन में उतारेंगे। सभी विद्यार्थियों का कर्तव्य है, देश के लिए कुछ करना। देश हमें देता है, हम भी कुछ देना सीखें। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी विद्यार्थी भविष्य में भी कठिन परिश्रम करते हुए नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे और अपने विश्वविद्यालय, जनपद एवं राष्ट्र की समृद्धि में योगदान देंगे।
कुलपति ने दिया विवि का प्रगति विवरण
स्वागत उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। विवि का प्रगति विवरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि विवि द्वारा ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन के लिए कुटीर उद्योग एवं कैश क्राप के लिए लगातार प्रशिक्षण देता है। कहा कि विवि में शीघ्र ही शोध के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो जायेगी। समारोह के समापन के समय धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव एनएल पाल ने किया। संचालन प्रो. निशा राघव ने किया।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, पूर्व कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय, विधायक केतकी सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय यादव, डीएम रवींद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/एन पंकज/राजेश
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