पचास वर्ष की आयु पूरी कर चुके सिपाहियों को जबरिया सेवानिवृत्ति नहीं, प्रोन्नति दे सरकार : रामगोविंद
बलिया, 01 नवम्बर (हि.स.)। समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने पचास वर्ष के हो चुके सिपाहियों को दक्षता टेस्ट के आधार पर सेवानिवृति नहीं देने की प्रदेश सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त करने के बजाय सरकार सिपाहियों को प्रोन्नति दे और उनके अनुभव का लाभ लें।
उन्होंने बुधवार को कहा कि अपने जीवन का कीमती तीस वर्ष कानून व्यवस्था को देकर पचास वर्ष के हो चुके सिपाहियों को दक्षता टेस्ट की आड़ में जबरिया सेवानिवृति देने की बात सोचना भी गलत है। समाजवादी पार्टी इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी।
पत्रकारों बातचीत में श्री चौधरी ने कहा कि एक सिपाही को कितने वर्ष नौकरी करनी है, उसे क्या मिलना है, उसे क्या करना है और उसके लिए क्या-क्या योग्यता उसके पास होनी चाहिए, यह सब पहले से तय है। इसी तय के आधार पर वह कड़ी परीक्षा देकर सिपाही बनता है। इसलिए उसकी सेवानिवृति भी तय उम्र पर ही होनी चाहिए। इसके पूर्व उसे सेवानिवृति करना सरासर अन्याय है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस विभाग में सेवानिवृति की उम्र पचास वर्ष करना चाहती है तो भर्ती से पहले करें और सभी को उसकी विधिवत जानकारी दें। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार सभी मोर्चों पर फेल है। इसलिए वह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गैर जरूरी सवालों को उछाला करती है। उन्होंने सपा के साथियों से अपील की कि वे गाँव-गाँव जाएं और लोगों को बताएं कि डबल इंजन की सरकार संविधान और लोकतंत्र की विरोधी है। इसलिए इस सरकार का कुर्सी पर बने रहना संविधान और लोकतंत्र के हित में नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/एन पंकज/राजेश
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