बाल योग संस्कारशाला का शुभारंभ, नन्हे योगियों ने सीखे स्वास्थ्य के सूत्र

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बाल योग संस्कारशाला का शुभारंभ, नन्हे योगियों ने सीखे स्वास्थ्य के सूत्र


मीरजापुर, 15 दिसंबर (हि.स.)। पतंजलि युवा भारत एवं विंध्य योग धाम के संयुक्त तत्वावधान में नगर के कजरहवा पोखरा, पुलिस लाइन स्थित एक विद्यालय में सोमवार को तीन दिवसीय निःशुल्क बाल योग संस्कारशाला शिविर का भव्य शुभारंभ हुआ। शिविर के पहले दिन बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला।

शिविर के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय योगासन जज व योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने तीन वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बालयोगियों को वेद मंत्रों के पावन उच्चारण के साथ योगाभ्यास की शुरुआत कराई। उन्होंने बच्चों को बैठकर किए जाने वाले सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन, दंडासन, वज्रासन, भद्रासन तथा खड़े होकर किए जाने वाले ताड़ासन, ऊर्ध्व ताड़ासन, त्रिकोणासन, कोणासन और वृक्षासन का अभ्यास कराया और इनसे होने वाले शारीरिक व मानसिक लाभों की विस्तार से जानकारी दी।

योग गुरु ने बताया कि बैठकर किए जाने वाले आसन बच्चों में स्थिरता, दृढ़ता और एकाग्रता विकसित करते हैं, वहीं खड़े होकर किए जाने वाले आसन लंबाई बढ़ाने, अतिरिक्त चर्बी कम करने और शरीर को सुदृढ़ बनाने में सहायक होते हैं।

विद्यालय के प्रबंधक रतन जॉनसन ने कहा कि आज बच्चों को शिक्षा तो मिल रही है, लेकिन स्वास्थ्य बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसका समाधान योग है, जिसे शिक्षा के साथ अपनाकर ही जीवन को संतुलित बनाया जा सकता है।

विंध्य योग सेवा धाम की मुख्य महिला केंद्रीय प्रभारी संगीता ब्यास ने कहा कि योग भारत की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है, जो आज विश्वभर में स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक बन चुका है। यदि बच्चों में बचपन से ही योग के संस्कार विकसित किए जाएं तो वे स्वयं, परिवार और समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं।

इस अवसर पर जिला प्रभारी युवा भारत प्रवीण मौर्या की देखरेख में बच्चों के साथ-साथ शिक्षक किरन पाण्डेय, मुकेश मिश्रा, डिम्पल पॉल, ममता यादव, सर्वजीत यादव, प्रीति श्रीवास्तव, प्रीति गुप्ता, शबाना अख़्तर, प्रिया श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने योग सत्र में सक्रिय सहभागिता की।

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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

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