बाबू गेनू केवल एक नाम नहीं, बल्कि स्वदेशी चेतना का प्रतीक : डॉ. राजीव कुमार

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बाबू गेनू केवल एक नाम नहीं, बल्कि स्वदेशी चेतना का प्रतीक : डॉ. राजीव कुमार


मुरादाबाद, 12 दिसम्बर (हि.स.)। स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में स्वदेशी आंदोलन के प्रथम बलिदानी बाबू गेनू सैद की पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार काे दिल्ली रोड स्थित काका टायर्स पर एक श्रद्धांजलि एवं स्वदेशी संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ताओं, विचारक एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख डॉ. राजीव कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि “बाबू गेनू केवल एक नाम नहीं, बल्कि स्वदेशी चेतना का प्रतीक हैं। भारत की आत्मनिर्भरता उनके त्याग से ही प्रेरणा ग्रहण करती है। आज आवश्यकता है कि हम विदेशी निर्भरता कम कर स्वदेशी उत्पादों का अधिकतम उपयोग करें।”

उन्होंने यह भी कहा कि देश की आर्थिक मजबूती का मार्ग स्वदेशी और भारतीय मूल्यों से होकर गुजरता है।

प्रांत संयोजक कपिल नारंग ने बाबू गेनू सैद के जीवन का विस्तृत परिचय दिया। उन्होंने बताया कि बाबू गेनू ने विदेशी कपड़ों से भरे ट्रक को महाराष्ट्र में प्रवेश करने से रोकते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि

“बाबू गेनू का बलिदान हमें स्वदेशी अपनाने और राष्ट्रहित में खड़े होने की प्रेरणा देता है।”

कुलदीप सिंह ने कहा कि “बाबू गेनू का बलिदान हमें यह सिखाता है कि देशहित सर्वोपरि है। जब देश की बात आती है, तो व्यक्तिगत हित पीछे छूट जाते हैं। हमें उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए।”

जिला सह संयोजक नीरज सोलंकी एडवोकेट ने कहा कि

“बाबू गेनू सैद का बलिदान स्वदेशी आंदोलन की रीढ़ है। उनका साहस, निष्ठा और देशभक्ति आज भी युवाओं के लिए आदर्श है।”

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रशांत शर्मा, पूनम चौहान, नीरज सोलंकी, नीलम जैन, अंशु जैन, संस्कार कत्याल, पुष्पा सोलंकी, मीनू विज, रेनू गुप्ता, नीलम भुईहार, नितिन कुमार शर्मा, राजेश कुमार, सुगंध कपूर, उत्कर्ष कुमार, अजय कुमार शर्मा सहित अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल

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