सामाजिक न्याय के प्रतिपादक हैं बाबासाहेब : प्रो. विनायक रथ

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सामाजिक न्याय के प्रतिपादक हैं बाबासाहेब : प्रो. विनायक रथ


लखनऊ, 14 अप्रैल (हि.स.)। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर जयंती एवं विश्वविद्यालय स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः काल में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित भीम वॉक के साथ हुई। अतिथि उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के पूर्व कुलपति प्रो० विनायक रथ ने कहा कि बाबासाहेब भारतीय संविधान व सामाजिक न्याय के प्रतिपादक है। बाबासाहेब के सामाजिक सद्भाव, न्याय और समानता पर आधारित विचार सदैव हम सभी के लिए प्रेरणादायी रहेंगे।

इसके पश्चात अंबेडकर स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज बीबीएयू एवं उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में 19वीं वार्षिक संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर बीबीएयू के पूर्व कुलपति आचार्य जी० ननचरैया मौजूद रहे।

इसके अतिरिक्त मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर के पूर्व कुलपति प्रो० विनायक रथ, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व शिक्षक एवं उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो० रवि श्रीवास्तव, जनरल सेक्रेटरी प्रो० विनोद कुमार श्रीवास्तव, प्रो० राम चन्द्रा एवं उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के लोकल आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी प्रो० सनातन नायक उपस्थित रहे। कुलपति आचार्य संजय ने कहा कि बाबासाहेब के उद्देश्यों को साथ लेकर हम सभी को आगे बढ़कर समावेशी समाज के निर्माण में योगदान देना होगा। समाज के सभी वर्गों के लोगों को मुख्य धारा में लाकर व उनका विकास करके ही एक समृद्ध समाज की परिकल्पना संभव है।

बीबीएयू के पूर्व कुलपति आचार्य जी० ननचरैया ने चर्चा के दौरान कहा कि राष्ट्र निर्माण में बाबासाहेब के योगदान के फलस्वरूप सभी के लिए समान लोकतंत्र का निर्माण हुआ है। सामाजिक एवं राजनीतिक लोकतंत्र दोनों को साथ लेकर ही समाज में आवश्यक बदलाव लाये जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो० रवि श्रीवास्तव ने बाबासाहेब को भारतीय समाज सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण आधार स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि सतत विकास व सभी के प्रतिभाग द्वारा ही समाज के भविष्य को सुधारा जा सकता है। इसके पश्चात माननीय अतिथियों द्वारा उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड इकोनॉमिक एसोसिएशन की पुस्तक एवं अन्य लेखकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया।

उद्घाटन सत्र के द्वितीय सत्र में प्लैनरी सत्र, मेमोरियल लेक्चर, पैरलल तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों द्वारा भारत में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के विकास की संभावनाएँ , सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों की भूमिका और प्रभाव , व्यापार और व्यापार नीति की उभरती विशेषताएं एवं उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विकास और उसके चालक विषय पर पेपर प्रस्तुत किये गए।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/बृजनंदन

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