हिन्दु धाम में डॉक्टर रामविलास दास वेदांती को दी गई श्रद्धांजलि, आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा

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हिन्दु धाम में डॉक्टर रामविलास दास वेदांती को दी गई श्रद्धांजलि, आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा


हिन्दु धाम में डॉक्टर रामविलास दास वेदांती को दी गई श्रद्धांजलि, आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा


हिन्दु धाम में डॉक्टर रामविलास दास वेदांती को दी गई श्रद्धांजलि, आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा


- संतों ने कहा कि वेदांती जी महाराज आजीवन राम मंदिर के लिए ही जीते रहे

अयोध्या, 17 दिसंबर (हि.स.)। हिंदू धाम में बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ रहे डॉ. रामविलास वेदांती महाराज की श्रद्धांजलि सभा में संतों ने कहा कि वेदांती जी महाराज आजीवन राम मंदिर के लिए ही जीते रहे।

वेदांती महाराज के उत्तराधिकारी वशिष्ठ पीठाधीश्वर महंत राघवेश दास महाराज के संयोजन आयोजित सभा की अध्यक्षता जगद्‌गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामललाचार्य महाराज ने किया और उन्होंने राम नगरी में उनकी मूर्ति, सड़क का नाम, गली का नाम करने की मांग किया I सभा में सभी ने वेदांती महाराज जी के व्यक्तित्व और राम मंदिर के आंदोलन की भूमिका पर प्रकाश डाला I

सभा को संबोधित करते हुए हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास महाराज ने सरकार से डॉ. वेदांती महाराज को पद्मश्री या पद्मभूषण से सम्मानित करने की मांग की और उनके उत्तराधिकारी से निवेदन किया कि सरयू तट पर उनकी समाधि और स्मारक बनाई जाए, ताकि श्रद्धालु पुष्पांजलि अर्पित कर सकें और यह जान सके की यह वही वेदांती जी हैं, जिन्होंने अपना जीवन राम मंदिर आंदोलन के लिए समर्पित किया I

श्री मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने इस अवसर पर कहा कि महाराज जी का प्रमुख संकल्प राम राज्य की स्थापना था, जो निश्चित रूप से पूर्ण होगा।

लक्ष्मण किलाधीश महंत मैथिली रमण शरण महाराज ने कहा कि डॉ. रामविलास वेदांती महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन भगवान श्रीराम और राम मंदिर आंदोलन को समर्पित कर दिया।

जगद्‌गुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य महाराज ने कहा कि हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे महाराज जी की स्मृति सदैव बनी रहे।9

जगद्‌गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि डॉ. वेदांती महाराज एक अभिभावक की तरह सभी का ध्यान रखते थे। जब-जब राम मंदिर की चर्चा होगी, तब-तब महाराज जी को याद किया जाएगा।

हनुमानगढ़ी महंत धर्म दास ने उन्हें मंदिर आंदोलन का अगुवा बताया और हनुमानगढ़ी के सरपंच महंत रामकुमार दास ने कहा कि महाराज जी का बचपन हनुमानगढ़ी में बीता और वे एक कुशल संचालक थे।

सभा में हनुमत निवास महंत मिथिलेश नंदनी शरण, महंत शशिकांत दास,महंत सीतारामदास महात्यागी, महंत रामायणी रामशरण दास, आचार्य नारायण मिश्र, महंत जनार्दन दास, महंत वरुण दास,महंत रामलोचन शरण, डॉ. सूनीता शास्त्री, महंत सत्येंद्र दास वेदांती, महंत दिलीप दास त्यागी, आचार्य राकेश तिवारी सहित सैकडों संतों महंतों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय

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