डिजिटल इंडिया अभियान के साथ कदमताल कर रहा अयोध्या मेडिकल कॉलेज

- अयोध्या मेडिकल कालेज में अब रोगियों की दवा व मेडिकल हिस्ट्री एक क्लिक पर
- फार्मेसी व एमआरडी मॉड्यूल लागू, दवाओं की खपत की भी मिलेगी जानकारी
- डाटा सेव करने का कार्य शुरू, सुश्रुत एप से मरीज खुद भी ले सकेगा जानकारी
अयोध्या, 05 मई (हि.स.)। दर्शननगर स्थित राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के साथ कदमताल कर रहा है। मरीजों के लाभ को प्राथमिकता देते हुए यह संस्थान लगातार नए ऑनलाइन मॉड्यूल लागू कर रहा है। इसी दिशा में कॉलेज प्रशासन ने अब फार्मेसी और मेडिकल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट (एमआरडी) मॉड्यूल शुरू कर दिए हैं। इन सुविधाओं से मरीजों को काफी सहूलियत मिलेगी।
इनके लागू होने से मरीज एक क्लिक में अपनी मेडिकल हिस्ट्री और इलाज के दौरान दी गई दवाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद देश-विदेश में बैठे रामभक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालु व सैलानियों की सेहत का ख्याल रखते हुए योगी सरकार रामनगरी की स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार मजबूत करने का कार्य कर रहा है। इसी क्रम में मेडिकल कालेज प्रशासन ने रोगियों के हित को देखते हुए दो मॉड्यूल लागू किये हैं।
--एचएमआईएस से संचालित होती हैं मेडिकल कॉलेज की ऑनलाइन सेवाएं
मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन सेवाएं हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) के माध्यम से संचालित की जाती हैं। फार्मेसी और एमआरडी मॉड्यूल लागू करने के लिए पिछले कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं, जो अब पूरी हो चुकी हैं। एचएमआईएस के इंजीनियर विकास पाठक के मुताबिक फार्मेसी मॉड्यूल के तहत अब दवा काउंटर पर मरीजों के पर्चे का सीआर नंबर सिस्टम में दर्ज किया जा रहा है। पर्चे में लिखी गई दवाओं का विवरण भी सिस्टम में अपलोड होगा। इससे मरीज को सालों बाद भी यह जानकारी मिल सकेगी कि उसे कब, किस डॉक्टर ने कौन-सी दवाएं लिखी थीं। साथ ही दवाओं के दुरुपयोग पर भी अंकुश लगेगा, क्योंकि खपत का पूरा लेखा-जोखा ऑनलाइन रहेगा। एमआरडी मॉड्यूल में मरीज कभी भी अपनी फाइल एक क्लिक में प्राप्त कर सकेंगे। डाटा सेव करने का कार्य किया जा रहा है।
--ई सुश्रुत ऐप पर मिलेगी सभी जानकारी
मेडिकल कॉलेजों की ऑनलाइन सेवाओं की जानकारी के लिए ई-सुश्रुत ऐप उपलब्ध है। इसे डाउनलोड करने के बाद मरीज अपनी निर्धारित दवाओं का विवरण देख सकते हैं। हालांकि, यह सुविधा एमआरडी मॉड्यूल पर लागू नहीं है। एमआरडी से संबंधित जानकारी के लिए मरीज को मेडिकल कॉलेज जाना होगा। पुरानी फाइलें एमआरडी में अपलोड नहीं की जाएंगी। केवल 2025 के बाद की फाइलें ही डिजिटल रूप में अपलोड होंगी।
--जल्द दिखेंगे और भी बड़े बदलाव
प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि रोगियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया जा रहा है। अब तक 10 मे से 9 मॉड्यूल लागू किये जा चुके हैं। कालेज की व्यवस्था में जल्द ही और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय