अयोध्या में आठ जुलाई से प्रारम्भ होगी किसान रजिस्ट्री
- पीएम किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त के लिए सरकार ने की नई व्यवस्था
अयोध्या, 04 जुलाई (हि.स.)। किसान सम्मन निधि को और पारदर्शी बनाने तथा किसानों को सरकार की ओर से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने किसान रजिस्ट्री स्कीम लागू की है।
जिले में पीएम किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त नई व्यवस्था के तहत किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। शासन ने इसके लिए किसान रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी है। किसानों को 30 सितंबर तक किसान रजिस्ट्री में अनिवार्य रूप से शामिल होना होगा। अन्यथा की स्थिति मे उनकी किसान सम्मान राशि या सरकार की ओर से मिलने वाली अन्य सुविधाएं रुक सकती हैं।
जिला कृषि अधिकारी अयोध्या ओपी मिश्रा ने बताया कि यह एक बुनियादी रजिस्ट्री होगी। जिसमें किसानों का पूरा विवरण दर्ज होगा। किसान रजिस्ट्री, किसानों का डिजिटल डाटा बेस होगा। इसमें किसान की यूनीक आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए खसरा खतौनी में दर्ज अभिलेख का उपयोग किया जाएगा। नई व्यवस्था के अनुसार यदि कोई किसान या उसका परिवार किसान रजिस्ट्री अभियान के तहत अपना नाम दर्ज नहीं कराता है। तो उसे भविष्य में पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यही नहीं एक बार डाटा तैयार होने के बाद भविष्य में किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए अलग से सत्यापन नहीं कराना होगा।
किसान कृषि वैज्ञानिकों से खेती से संबंधित सलाह भी ले सकेंगे
किसान रजिस्ट्री के माध्यम से योजनाओं का लाभ किसानों को तो मिलेगा, साथ ही किसान कृषि वैज्ञानिकों से खेती से संबंधित सलाह भी ले सकेंगे। खेत की मिट्टी और जलवायु के हिसाब से कौन सी फसल बोनी चाहिए, किस किस्म का बीज खरीदना चाहिए और बेहतर पैदावार के लिए कितना खाद, पानी और दवा की जरूरत है, इसकी जानकारी आसानी से की जा सकती है।
वास्तविक उत्पादन के आंकड़ें भी आसानी से जुटाए जा सकेंगे
किसान रजिस्ट्री के माध्यम से विभिन्न फसलों के संभावित उत्पादन एवं वास्तविक उत्पादन के आंकड़े भी आसानी से जुटाए जा सकेंगे। इसके अलावा कृषि उत्पादों का विपणन भी सुविधा जनक होगा। साथ ही किसानों के लिए किसान ऋण, वित्त सहित अन्य सेवा को सुगमता से कराना संभव होगा।
किसान रजिस्ट्री तैयार करने का कार्य आठ जुलाई से शुरू हो जाएगा। जिला कृषि अधिकारी श्री मिश्र ने बताया की किसान रजिस्ट्री तैयार करने का कार्य आठ जुलाई से शुरू हो जाएगा। जो 30 सितंबर तक चलेगा। इस कार्य में राजस्व विभाग के लेखपाल, कृषि विभाग तकनीकी सहायक, उद्यान विभाग के कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/पवन/राजेश
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