भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद ने“भारतीय ज्ञान प्रणाली” पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए प्रदान की वित्तीय स्वीकृति
-भारतीय ज्ञान परंपरा को मिले वैश्विक पहचान: डॉ विनोद कुमार चौधरी
अयोध्या, 3 नवंबर (हि.स.)। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग को “भारतीय ज्ञान प्रणाली विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन के लिए एक लाख चालीस हजार रुपये की वित्तीय धनराशि स्वीकृत की गई है। पर्यावरण विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह के निर्देशन में स्वीकृत धनराशि का उपयोग केवल संगोष्ठी के आयोजन के लिए किया जाएगा। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद ने स्पष्ट निर्देशित किया है कि इसका उपयोग अन्य कार्यवाही या प्रकाशन के नहीं किया जा सकेगा। संगोष्ठी के पश्चात यदि कोई धनराशि अप्रयुक्त रहती है, तो उसे परिषद को लौटाना अनिवार्य होगा।
अनुदान की कुल राशि दो किश्तों में जारी की जाएगी। प्रथम किस्त एक लाख पांच हजार रुपए स्वीकृत अनुदान-बिल पर हस्ताक्षर प्राप्त होने के बाद जारी की जाएगी। द्वितीय किस्त संगोष्ठी की रिपोर्ट, प्रस्तुत शोध-पत्रों एवं लेखा परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर जारी की जाएगी। परिषद ने यह भी निर्देश दिया है कि संगोष्ठी की संक्षिप्त रिपोर्ट तथा उच्च गुणवत्ता के फोटोग्राफ परिषद की वेबसाइट पर प्रकाशन के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि यह राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय परंपरागत ज्ञान प्रणालियों की मूल भावना, दार्शनिक गहराई और वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर विमर्श का एक सशक्त मंच प्रदान करेगी। संगोष्ठी में देशभर के विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और शिक्षण संगठनों से विशेषज्ञ, अध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग लेंगे। आयोजन का उद्देश्य भारतीय ज्ञान, दर्शन, शिक्षा, चिकित्सा, कला, वास्तु, पर्यावरण और सामाजिक मूल्यों से जुड़ी परंपराओं को समकालीन परिप्रेक्ष्य में पुनर्स्थापित करना है।
डॉ. चौधरी ने बताया कि यह आयोजन न केवल अकादमिक दृष्टि से उपयोगी होगा बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय चिंतन की जड़ों से जोड़ने की दिशा में सार्थक प्रयास होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस स्वीकृति को एक प्रेरणादायक उपलब्धि बताया है और इसे भारतीय ज्ञान की वैश्विक पहचान को सशक्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना है। इसके लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों एवं शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय

