मीरजापुर: जल्द ही शास्त्री पुल से पूर्वांचल में फर्राटा भरेंगे भारी वाहन
मीरजापुर, 28 अक्टूबर (हि.स.)। जिले की लाइफ लाइन कहे जाने वाले शास्त्री पुल का जिस प्रकार टेक्निकल टीम ने जांच की, उससे शास्त्री पुल का मानक लोड सही पाया गया। अब एक सप्ताह बाद जांच रिपोर्ट आएगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही भारी वाहन पूर्वांचल का फर्राटा भरेंगे। इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी ही, यात्रियों को भी सहूलियत होगी। यही नहीं, जाम के झाम के साथ समय व पैसे की भी बचत होगी।
समयावधि पूर्ण कर चुके गंगा नदी पर बने शास्त्री पुल की 7.48 करोड़ की लागत से हाल ही में मरम्मत कराया गया था। बेयरिंग पर बने इस पुल की पहली मरम्मत 2020 में आठ करोड़ रुपये की लागत से हुआ था। गंगा नदी पर बने शास्त्री सेतु का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने वर्ष 1976 में किया था। पुल की मरम्मत सही है या नहीं, इसके लिए शुक्रवार को छह घंटे तक मीरजापुर-औराई मार्ग पर बने शास्त्री पुल की लोड टेस्टिंग की गई। 50-50 टन के दो ट्रक शास्त्री पुल पर खड़े किए गए। साथ ही डीएक्यू सिस्टम पर शास्त्री पुल के गार्डर का झुकाव तथा शास्त्री पुल की कंपन की जांच की गई, जो निर्धारित मानक की मात्रा के भीतर पाया गया।
आर एंड एम इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर साहिल मात्रे तथा बीएचयू के विशेषज्ञ डा. एके शुक्ला ने बताया कि शास्त्री पुल का मानक लोड टेस्टिंग के बाद सही पाया गया। एक सप्ताह बाद रिपोर्ट आने पर पुल से कितने टन लोड के वाहन गुजारे जा सकते हैं, इसका निर्धारण किया जाएगा। राज्य सेतु निगम विंध्याचल मंडल के उप परियोजना प्रबंधक आरएस उपाध्याय ने बताया कि शास्त्री पुल पर लोड टेस्टिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। रिपोर्ट आने के बाद यह निर्धारित किया जाएगा कि पुल से कितने टन लोड के वाहन गुजारे जाएंगे। फिर उनके आवागमन के लिए शास्त्री पुल खोल दिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/दीपक/आकाश
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