मां कालरात्रि के पूजन से प्राप्त होता है शुभ फल
महोबा, 15 अप्रैल (हि.स.)। चैत्र नवरात्रि के सप्तमी के दिन मां छोटी चंद्रिका देवी मन्दिर में भक्तों का तांता लग रहा है। मंदिर परिसर में सुबह से ही भक्तों के भीड़ पहुंचती है। भक्तों ने मां कालरात्रि का पूजन अर्चन कर विश्व कल्याण की कामना की है। मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है । मां का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन यह सदैव शुभ फल ही देने वाली है। इसी कारण इनका एक नाम शुभंकरी भी है।
दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा और आराधना की जाती है। मां दुष्टों का नाश करने वाली है। दानव, दैत्य,राक्षस ,भूत प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं । यह ग्रह बाधाओं को भी दूर करने वाली है।
मुख्यालय के आलमपुरा निवासी पंडित त्रिपुरारी चतुर्वेदी बताते हैं कि मां कालरात्रि का वस्त्र बाघम्बरी है। उन्हें कृष्ण रंग प्रिय है । आज के दिन जातक पूजा के समय नीले रंग के वस्त्र को धारण करें। मां कालरात्रि के पूजन करने से भक्तों को किसी प्रकार भय नहीं सताता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं । मां का कालरात्रि शुभ फल देने वाली है। इनकी आराधना से कभी आसुरी शक्तियां व्याप्त नहीं होती है। भक्तों की सोच को निर्मल और विचारों से करती हैं। मां के इस स्वरूप को अपने हृदय में बसाकर साधक को एकनिष्ठ भाव से उनकी आराधना करनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/ उपेंद्र/बृजनंदन
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