सवर्ण समागम में हुआ काव्य पाठ का लोगों ने लिया जमकर लुत्फ
औरैया, 22 सितंबर (हि. स.)। दिबियापुर के नारायणी मंडपम में सवर्ण समाज सेवा संस्थान के तत्वाधान में आयोजित समागम समारोह में कवि सम्मेलन का आयोजन रविवार को किया गया।
कवियों की उपस्थिति ने सम्मेलन के माहौल को खास बना दिया। शृंगार, ओज व हास्य-व्यंग्य के रचनाकार सभी कवियों को भरपूर सुना गया। मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता, विशिष्ट अतिथि दिबियापुर चेयरमैन राघव मिश्रा, भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक राजेश अग्निहोत्री, सचिंद्र प्रताप सिंह गौर, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास त्रिपाठी सहित कवियों की उपस्थिति में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ। काफी देर तक इस कवि सम्मेलन में साहित्यानुरागियों ने सभी कवियों को सुना।
हास्य कवि उमेश द्विवेदी ने लुड़ी लगड़ी चल जायेगी, चाहे चेहरे पर हों कील। नहीं चाहिए पत्नी मुझको, जो रोज बनाये रील व कवियत्री गीता चतुर्वेदी, कवियत्री रश्मि मनोज ने स्वरों से शमा बांधा, तो युवा कवि गोपाल पांडेय ने हिंदू हिंसक होता तो रह न पाते धर्म विशेष यहां, हिंदू हिंसक होता तो मिलता न शांत परिवेश यहां हिंदू हिंसक होता तो चर्च के किस्से भी न होते, हिंदू हिंसक होता तो भारत के हिस्से भी न होते सहित अन्य कवियों में कवि पवन दुबे, कवि शिवकांत मिश्रा ने अपनी अपनी कविता, गीत, भजन से समा बांधा। श्रोताओं को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया।
इससे पहले आयोजकों ने सभी कवियों और अतिथियों का स्मृति चिन्ह भेंटकर व मालार्पण, बैज लगाकर व सक्षम की डायरी भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम में कलेंडर वितरण भी किए गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार
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