भावी पीढ़ी भारतीय संस्कृति की संवाहक बने : राजेंद्र देव
औरैया, 05 सितंबर (हि.स.)। दिबियापुर नगर में स्थिति सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में मातृ भारती, शिशु भारती, कन्या भारती, विद्वत परिषद एवं पूर्व छात्र परिषद संगोष्ठी का गुरुवार काे आयोजन किया गया। जिसमें संस्कृति बोध माला की पुस्तक का विमोचन किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य सुशील कुमार तिवारी ने संगोष्ठी में आए हुए अतिथियों का परिचय व अंग वस्त्र एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित कराया। इसके बाद उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और सनातन परंपरा का प्रचार-प्रसार, जिसमें संयुक्त परिवार को बढ़ावा देना एवं दादा-दादी व बड़ों का सम्मान करना व उनके अनुभवों से लाभ उठाते हुए परिवार चलाना आदि है।
संस्कृति बोधमाला की पुस्तक के विमोचन के बाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री राजेंद्र देव ने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी भारतीय संस्कृति की संवाहक बने इसके लिए अपने भारत देश की संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तथा उनके हृदय में इसका गौरव स्थापित करने के लिए कुरुक्षेत्र स्थित विद्या भारती संस्कृत संस्थान निरंतर प्रयासरत है। दीर्घकालीन स्वतंत्रता के कारण मानवीय मूल्य में गिरावट दिखाई दे रही है, उसका समूल निराकरण करके भारतीय संस्कृति का यश सर्वत्र फैलाना वर्तमान समय की मांग है। विद्या भारती इस योजना को प्रत्येक भारतीय तक ले जाने के लिए प्रयासरत है।
प्रबन्धक ने कहा कि बालकों के सर्वांगीण विकास में माताओं की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि हमारी शिक्षा ऐसी हो जिससे बालकों में देश के प्रति अपनत्व की एवं राष्ट्रीयता का भाव जागे, क्योंकि आज का बालक ही कल का राष्ट्र निर्माता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित संभाग निरीक्षक भगवान सिंह ने कहा कि मातृ शक्ति का भारतीय संस्कृति में सर्वोच्च स्थान है। जीवन का प्रवाह, हमारी प्राण शक्ति का स्रोत मातृ शक्ति ही है। ब्रह्माण्ड में हर तत्व की सृजन कर्ता मातृ शक्ति को ही माना गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार
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