अहंकार बनता है पतन का कारण : आचार्य पं मनोज अवस्थी
औरैया, 06 अप्रैल (हि.स.)। बिधूना कस्बे के मोहल्ला चंदरपुर के गमा देवी मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के अंतिम दिवस को जनपद के सुविख्यात भगवताचार्य एवं श्रीराम कथा प्रवक्ता पंडित मनोज अवस्थी ने कहा कि अहंकार मनुष्य के पतन का प्रमुख कारण है। इसलिए अहंकार से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता गुरु व बुजुर्गों का कभी अपमान नहीं करना चाहिए। अपमान करने वालों के जीवन में कभी शांति नहीं आ सकती।
उन्होंने कहा कि इस रावण का पद अहंकार से जुड़ा था, जबकि अंगद का पद भगवान राम से जुड़ा था इसलिए रावण के दरबार में रावण को अंगद से अपमानित होना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस कलयुग में श्री रामचरित मानस का पाठ भगवत चर्चा और ईश्वर के भजन कीर्तन मानव कल्याण के प्रमुख साधन हैं।
मानस प्रवक्ता पंडित मनोज अवस्थी ने कहा कि मनुष्य का जन्म बहुत बड़े पुण्यों के बाद प्राप्त हुआ है इसलिए इसे व्यर्थ नहीं गवांना चाहिए और जीवन के कल्याण के लिए ईश्वर भक्ति पर अवश्य ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सुंदरकांड और लंका कांड का मार्मिक वर्णन कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किय।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/राजेश
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