बलिदानियों की याद में जले श्रद्धा के दीप
औरैया, 29 नवम्बर (हि. स.)। भारत प्रेरणा मंच के तत्वावधान में शुक्रवार को देवकली मंदिर के निकट स्थित स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर बलिदानियों को याद किया गया। संस्था के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम में 24- 25 जून 1857 को जनपद औरैया के रणबाकुँरों ने अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध जंग का खुला ऐलान करते हुए औरैया और बेला तहसील पर हमला कर दोनों तहसीलों को बिट्रिश शासन से स्वतन्त्र करा लिया था।
लगभग छह महीने तक औरैया ने बिट्रिशशासन से स्वतन्त्र रहकर स्वदेशी सत्ता का सुख भोगा। इस बीच अंग्रेजों ने औरैया पर पुनः सत्ता स्थापित करने के कई प्रयास किये लेकिन उनके सभी प्रयास क्रान्तिकारी सेना द्वारा विफल कर दिये गये। अन्त में मजबूर होकर तत्कालीन इटावा के कलेक्टर ए ओ ह्यूम ने आगरा ग्वालियर से अतिरिक्त सैन्यबल मंगाकर और प्रतापनेर के कुँवर जोर सिंह लखना के ईश्वर चन्द्र और जसवन्त राव को साथ लेकर 28 नवम्बर 1857 को देवकली मन्दिर में शरण लिये क्रान्तिकारी सेना पर हमला कर दिया।
क्रान्तिकारी सेना भी खानपुर के राम प्रसाद पाठक के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में आ डटी। जैसे ही फिरंगी सेना की देवकली मन्दिर पर हमले की खबर चारों ओर फैली बैसे ही भरेह के कुँवर रुप सिंह, चकरनगर के राजा निरंजन सिंह, भदेख के राजा परीक्षत और सिकंदरा के राजा अपने अपने सैन्यबल के साथ देवकली मन्दिर क्षेत्र में अंग्रेजी सेना के विरुद्ध युद्ध मे आ डटे। दिन भर भयंकर युद्ध चला। कान्तिकारी सेना ने चार अंग्रेज अफसरों सहित उनके कई सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। हार का स्वाद चखकरबिट्रिश सेना शाम को औरैया की तरफ हटकर आ गयी। जबकि क्रान्तिकारी सेना मन्दिर प्रांगण में ही रुकी रही। 29 नवम्बर 1857 को प्रातः अंग्रेजों ने विशाल सेना के साथ अपनी नयी रणनीति के तहत सेना को दो भागों में विभक्त कर क्रान्तिकारियों पर भीषण हमला बोल दिया। क्रान्तिकारी सेना भी उत्साह के साथ अंग्रेजों से लोहा लेने लगी। इसी बीच अंग्रेजो की दूसरी सैन्य टुकड़ी ने पीछे से कान्तिकारियों पर हमला कर दिया। इस अचानक हुए हमले में रामप्रसाद पाठक और उनके 17 साथी इस आजादी के युद्ध में बलिदान हो गये।
अंग्रेजों ने अपने वफादार और देश के गददार ईश्वरचन्द्र सहित दो लोगों को सितारे हिन्द का खिताब दिया था। आन्नदम घाम आश्रम में कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर की अध्यक्षता और रमन पोरवाल धुन्ना श्रीवास्तव अर्पित दुवे के आतिथ्य में एक सभा भी आयोजित की गयी। जिसमें संस्था के अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि अजय अंजाम ने कविताओं के माध्यम से बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी आये हुए गणमान्य जनों का अंकित तिवारी ने आभार व्यक्त किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार
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