वाजपेयी ऐसे नेता थे जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था: अशोक चौरसिया

वाजपेयी ऐसे नेता थे जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था: अशोक चौरसिया
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वाजपेयी ऐसे नेता थे जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था: अशोक चौरसिया


जौनपुर, 25 दिसम्बर (हि. स.)। भारतीय जनता पार्टी पूर्व जिलाध्यक्ष हरिश्चंद सिंह की अध्यक्षता में भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की जयन्ती पर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय महामंत्री एवं जिला प्रभारी अशोक चौरसिया ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वाजपेयी जी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे, वह ऐसे नेता थे जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था।

सोमवार को बीजेपी कार्यालय में आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने और वो भी गैर कांग्रेसी। वह राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।

मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेश में भारत के साथ ही हिंदी की छवि बनाई। 1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की। इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने। वह 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश घोषित किया था। उन्होंने पाक से सम्बंध सुधारने के उद्देश्य से 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की थी। 1990 में अटल सरकार के कार्यकाल में करगिल युद्ध में पाक के अवैध कब्जे से भारत भूमि को छुड़ाया।

अध्यक्षता कर रहे पूर्व अध्यक्ष हरिशचंद्र सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना कैरियर पत्रकार के रूप में शुरू किया था और 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। उन्होंने कई कवितायें लिखी जिसे समीक्षकों द्वारा सराहा गया। सामाजिक समानता के समर्थक अटल बिहारी वाजपेयी भारत को सभी राष्ट्रों के बीच एक दूरदर्शी, विकसित, मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ते हुए देखना चाहते थे। उन्हें भारत के प्रति उनके नि:स्वार्थ समर्पण और पचास से अधिक वर्षों तक देश और समाज की सेवा करने के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1994 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया। उनके कार्य राष्ट्र के प्रति समर्पण को दिखाते हैं।

पूर्व विधायक सुषमा पटेल ने कहा कि छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने तभी से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे। 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी, जिसने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। जो अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी। 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से बतौर जनसंघ प्रत्याशी उन्होंने जीत हासिल की 1967 से 1977 तक जनता पार्टी की स्थापना के बाद से बीस साल तक लगातार संसदीय दल के नेता रहे।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक एवं जिला महामंत्री अमित श्रीवास्तव ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/विद्याकांत

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