अश्वनी शुक्ला ने पहले प्रयास में पाई यूपीएससी में सफलता, 423 वीं रैंक हासिल कर बढ़ाया जिले का मान

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अश्वनी शुक्ला ने पहले प्रयास में पाई यूपीएससी में सफलता, 423 वीं रैंक हासिल कर बढ़ाया जिले का मान


उत्तर प्रदेश, 22 अप्रैल (हि.स.)। जालौन जिले के कोंच कस्बे से ताल्लुक रखने वाले अश्वनी शुक्ला ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 423वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। खास बात यह रही कि अश्वनी ने यह सफलता अपने पहले ही प्रयास में पाई।

अश्वनी एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता गिरीश चंद्र शुक्ला टीवी रिपेयरिंग का काम करते हैं और मां शशि शुक्ला गृहिणी हैं। संसाधनों की कमी कभी भी अश्वनी के हौसले को नहीं डिगा सकी। उन्होंने बचपन से ही कुछ अलग करने का सपना देखा था।

एनडीए से लौटे, यूपीएसएसी में चमके2019 में अश्वनी का चयन एनडीए में हुआ था, लेकिन आंखों की रोशनी कम होने के कारण उन्हें आगे नहीं बढ़ाया गया। इस झटके के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और सिविल सेवा की राह पकड़ी। दिल्ली यूनिवर्सिटी से भूगोल विषय में स्नातक करने के बाद अश्वनी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

बहनों ने निभाई खास भूमिकाअश्वनी की सफलता में उनकी बहनों का योगदान भी अहम रहा। बड़ी बहन पर्णिका हमेशा पढ़ाई में मदद करती रहीं, वहीं छोटी बहन श्रुति ने हर पल उनका हौसला बढ़ाया।

घर में जश्न का माहौलजैसे ही चयन की खबर आई, मोहल्ले में मिठाइयां बांटी गईं और बधाईयों का सिलसिला शुरू हो गया। पिता गिरीश शुक्ला ने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरा बेटा अफसर बनेगा, लेकिन उसने मेहनत और संकल्प से यह कर दिखाया।” मां शशि शुक्ला ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बेटे ने परिवार का सपना साकार कर दिया। अश्वनी की यह सफलता उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा

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