मनरेगा श्रमिकों को लू-प्रकोप से बचाव के लिये किये जांय पुख्ता प्रबंध: केशव प्रसाद मौर्य
![मनरेगा श्रमिकों को लू-प्रकोप से बचाव के लिये किये जांय पुख्ता प्रबंध: केशव प्रसाद मौर्य](https://livevns.news/static/c1e/client/84451/downloaded/bcaead7fb36be21cd16ef924eaeb79f7.jpg)
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लखनऊ, 11 जून (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा श्रमिकों को गर्मी व लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये जाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि मनरेगा श्रमिकों व कार्यस्थल पर उनके छोटे बच्चों की देखभाल, प्राथमिक चिकित्सा, समुचित छाया, शुद्ध पेयजल आदि की उचित व प्रभावी व्यवस्था मनरेगा गाइडलाइंस व हीट-वेव (लू) प्रबंधन कार्ययोजना के तहत की जाय।
प्रदेश भर में पड़ रही प्रचंड गर्मी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संवदेनशीलता बरतते हुए गर्मी की शुरुआत में ही जनपदों को एहतियातन पहले ही पत्र प्रेषित कर दिया गया था। भीषण गर्मी और लू की संभावना के चलते प्रदेश में लू-प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिये हीट-वेव (लू) प्रबंधन कार्ययोजना-2024 क्रियान्वयन के संबंध में दिशा निर्देश निर्गत किये जा चुके हैं। मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य के इच्छुक प्रत्येक श्रमिक को मांग के अनुरूप कार्य दिये जाने की प्राथमिकता के साथ-साथ यह भी ध्यान देने की आवश्यकता को बताया गया कि श्रमिकों के लिये कार्य करने का समय, कार्य करने के अनुकूल हो। प्रचंड गर्मी में श्रमिकों को कार्य में सरकार राहत प्रदान कर रही है। तापमान बढ़ने पर यथावश्यक संशोधित कार्य समय में काम कराया जा रहा है। आवश्यकतानुसार जनपद स्तर पर टाइमिंग में बदलाव कर कार्य कराया जा रहा है। प्रचंड गर्मी व लू प्रकोप से बचाव एवं राहत के लिये मनरेगा योजना के अतंर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों के कार्य समय में यथोचित संशोधन के निर्देश ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी किये गये। पूर्व में भी निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि कार्य-समय में संशोधन अर्थात दिन के समय तापमान में वृद्धि होने की स्थित में मनरेगा श्रमिकों के कार्य समय को प्रातः 6 से 11 बजे तक एवं सायं 3 से 6 बजे तक संशोधित किया जा सकता है। समय का निर्धारण जनपद स्तर पर स्थानीय तापमान के अनुसार कर सकते हैं। भीषण गर्मी में मनरेगा श्रमिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए शासन ने कार्य स्थल पर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। जिससे कार्य करने वाले श्रमिकों को पेयजल की कमी से जूझना न पड़े।
मनरेगा योजना के अंतर्गत हो रहे कार्य में लगे मनरेगा श्रमिकों के लिये आवश्यकतानुसार प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करने के भी निर्देश है, जिससे कि किसी भी मनरेगा श्रमिक को गर्मी से संबंधित होने वाली बीमारियों से बचाव हेतु प्राथमिक उपचार दिया जा सके। मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य करने वाले श्रमिकों के लिये प्रचंड गर्मी, लू प्रकोप से बचाव के लिये आवश्यकता के अनुसार कार्यस्थल के पास शेल्टर या फिर कोई छायादार क्षेत्र की व्यवस्थाएं भी नियमानुसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/जितेन्द्र/प्रभात
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