अर्जुन सहायक परियोजना बुन्देलखंड के किसानों की बदलेगी तकदीर
--लोकसभा चुनाव से पहले परियोजना को कम्पलीट करने की तैयारी
हमीरपुर, 20 दिसम्बर (हि.स.)। हजारों करोड़ रुपये की लागत की अर्जुन सहायक परियोजना से जल्द ही बुन्देलखंड के किसानों की तकदीर बदलेगी। इसके लिए कार्यदायी संस्थाओं ने परियोजना के निर्माण कार्य लोकसभा चुनाव से पहले कराने की तैयारी कर ली है। इस परियोजना के शुरू होने पर सैकड़ों गांवों में सिंचाई का पानी मिलने से 59 हजार हेक्टेयर भूमि में फसलें लहलहाएगी।
बुन्देलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा और झांसी समेत आसपास के तमाम इलाकों में सिंचाई के संसाधन न होने के कारण हर साल हजारों हेक्टेयर जमीन बंजर नजर आती है। खेती-बाड़ी करने वाले किसानों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। बुन्देलखंड क्षेत्र की सिंचाई की बड़ी समस्या को लेकर केन्द्र सरकार ने यहां के हजारों किसानों को बड़ी सौगात दी थी। वर्ष 2009 में 806.5 करोड़ रुपये की लागत की अर्जुन सहायक परियोजना को जमीन पर लाया गया। मौजूदा में इस परियोजना का काम सिंचाई प्रखंड कर्वी (चित्रकूट) देख रहा है। डिपार्टमेंट के मुताबिक महोबा, झांसी की सीमा पर धसान नदी में बने लहचुरा डैम से बारिश के पानी को सौ मीटर चौड़ी और नब्बे किमी लम्बी नहर बनाकर महोबा में चन्द्रावल, अर्जुन और कबरई डैम से जोड़ा गया है। बुन्देलखंड क्षेत्र में सिंचाई की किल्लत दूर होने पर सैकड़ों गांवों के खेती-बाड़ी करने वाले किसानों की दशा और दिशा ही बदल जाएगी।
--बुन्देलखंड में नहरें बनाकर 59 हजार हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित
सिंचाई निर्माण प्रखंड के सहायक अभियंता आरके पण्डेय के मुताबिक अर्जुन सहायक परियोजना बुन्देलखंड के किसानों के लिए वरदान साबित होगी। इस परियोजना से झांसी, बांदा, महोबा और हमीरपुर में नहरें बनाकर 59 हजार से ज्यादा हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन सिंचित होगी। झांसी और महोबा में अर्जुन सहायक परियोजना के $ज्यादातर निर्माण कार्य पूरे भी हो गए हैं। लेकिन बांदा औैर हमीरपुर में तमाम कार्य अभी भी खटाई में पड़े है। बता दें कि, अर्जुन सहायक परियोजना की लागत शुरू में 806.5 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इसकी मौजूदा में लागत 2593 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।
--लोकसभा चुनाव से पहले अधूरे निर्माण कार्य पूर्ण कराने की तैयारी
हजारों करोड़ रुपये की बजट की अर्जुन सहायक परियोजना के हमीरपुर और बांदा में निर्माण आज भी अधूरे है। नवम्बर 2021 में इस परियोजना का पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोकार्पण किया था। मगर परियोजना के तहत नहरों का काम आज तक नहीं हो सका। हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र के इचौली, घुसियारी, कपसा, चांदीकला, भुलसी, सिसोलर, किसवाही समेत 14 गांवों को परियोजना लाभ मिलेगा। नहर बनाई जानी है। सिंचाई विभाग कर्वी के सहायक अभियंता आरके पाण्डेय ने बताया कि हमीरपुर व बांदा की 19 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने के लिए नहर का काम फरवरी 2024 तक पूरा कराया जाएगा।
--अर्जुन सहायक परियोजना से चार लाख लोगों तक पहुंचेगा पानी
अर्जुन फीडर नहर 41.600 किमी का निर्माण लहचूरा बांध से अर्जुन बांध तक किया गया है। कबरई फीडर अर्जुन बांध से कबरई बांध तक 31.800 किमी तक तैयार की गई है। स्क्रेप चौनल से चंद्रावल बांध भरने के लिए कबरई फीडर के 19वे किलोमीटर में 250 किमी लम्बाई में स्केप चैनल का निर्माण कराया गया है। कबरई बांध के उच्चीकरण का भी काम कराया गया है। परियोजना से महोबा के साथ हमीरपुर और बांदा के 168 गांवों के 4 लाख लोगों को पानी मिलेगा। डेढ़ लाख किसानों को सिंचाई के लिए पानी मलेगा। परियोजना से महोबा में 29680, हमीरपुर में 12201 और बांदा में 2500 हेक्टेयर भूमि सिंचिंत होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/पंकज//विद्याकांत
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