फर्जी आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी करने वाले शिक्षक की नियुक्ति का खुलासा
प्रयागराज, 10 अगस्त (हि.स.)। आरक्षण का फर्जी लाभ लेकर एडेड विद्यालय में शारीरिक शिक्षा के अध्यापक की 25 वर्ष से नौकरी करने का मामला प्रकाश में आया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग एलनगंज प्रयागराज ने आरक्षण के लाभ को फर्जी बताया है। आरटीआई से हुए खुलासे से शिक्षा विभाग में हो रही धांधली का पता चला है जिससे शिक्षाधिकारियों में हड़कम्प मचा है। पता चला है कि इसकी शिकायत पहले भी हुई थी। लेकिन शिक्षाधिकारियों ने लाभ लेकर मामले में लीपापोती कर दिया। जबकि फर्जी शिक्षक प्रयागराज जिले में करीब 15 वर्ष से नौकरी कर रहा है।
राजकुमार पुत्र मिट्ठूलाल सी 8/251 सुल्तानपुरी, नई दिल्ली का निवासी है। राजकुमार अपने आप को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का निवासी बताकर अनुसूचित जाति के अंतर्गत आरक्षण का लाभ लिया है। जबकि इनके द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र दिल्ली राज्य का है। इनका चयन सबसे पहले वर्ष 1996 में इटावा जिले में हुआ था, लेकिन वहा के विद्यालय द्वारा नियमानुसार नहीं होने के कारण इनको ज्वाइन नहीं कराया गया। उसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से राजकुमार का समायोजन कराकर सुल्तानपुर में जनता इंटर कालेज बेलहरी में एकल संचालन में जिला विद्यालय निरीक्षक ने 03 मई, 1997 को कार्यभार ग्रहण का आदेश दिया था। जिसके क्रम में प्रधानाचार्य जनता इंटर कॉलेज बेलहरी ने कार्यभार ग्रहण कराया।
राजकुमार ने जनता इंटर कॉलेज में प्रबंधतंत्र बहाल होने पर अपना स्थानांतरण वर्ष 2002 में हनुमतदत्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केशव नगर इस्माइलगंज प्रयागराज में करा लिया था। वहां तीन वर्ष नौकरी करने के बाद पुनः वर्ष 2005 में मेवालाल इंटर कॉलेज सोराव में फर्जी प्रबंधतंत्र की पत्रावली तैयार कर स्थानांतरण करा लिया। जबकि मेवालाल इंटर कालेज सोरांव में तत्समय एकल संचालन था। वेतन आहरण का काम सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किया जाता था।
अधिवक्ता सोमधर द्विवेदी ने उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग एलनगंज, प्रयागराज से आरटीआई से मांगी गई जानकारी के क्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा जो जाति प्रमाणपत्र दिया गया है वह दिल्ली का है। उसके क्रम में शिक्षा सेवा चयन आयोग से सूचना मांगी गई। जिसमें शिक्षा सेवा चयन आयोग ने 03 जनवरी, 2023 को दी गई सूचना में कहा कि दूसरे राज्य के नागरिकों को तथा दूसरे राज्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर उत्तर प्रदेश में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता।
आरटीआई में पुनः राजकुमार पुत्र मिट्ठू लाल के जाति प्रमाण पत्र तथा नियुक्ति पत्र को संलग्न कर सूचना मांगी गई। शिक्षा सेवा चयन आयोग के उप सचिव नवल किशोर ने फिर 09 अगस्त, 2024 को दी गई सूचना में बताया की दूसरे राज्य द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर लिया गया आरक्षण नियमानुसार नहीं है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है और वह बर्खास्त किया जायेगा।
राजकुमार पुत्र मिट्ठू लाल दिल्ली राज्य के निवासी हैं, इनकी इंटर तक की शिक्षा दिल्ली में ही प्राप्त की गई है। इनके द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गुमराह करते हुए अपना स्थानांतरण कई बार करा लिया था, जिससे की नियुक्ति पर किसी प्रकार की आंच न आने पाए और फर्जी नियुक्ति का खुलासा न हो सके।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / बृजनंदन यादव
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