गोले लगाकर उत्तर देने से अध्ययनशीलता समाप्ति की ओर : पृथ्वीनाथ पाण्डेय

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गोले लगाकर उत्तर देने से अध्ययनशीलता समाप्ति की ओर : पृथ्वीनाथ पाण्डेय


प्रयागराज, 05 अप्रैल (हि.स.)। व्याकरणवेत्ता एवं भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने उप्र लोक सेवा आयोग, प्रयागराज की ओर से सहायक अध्यापक पद पर चयन किये जाने की परीक्षा प्रक्रिया के अन्तर्गत ’स्क्रीन टेस्ट’ मे दीर्घ उत्तरीय प्रश्नो को सम्मिलित किये जाने के निर्णय का स्वागत किया है।उन्होंने कहा है कि, यह निर्णय बहुत पहले ही किया जाना चाहिए था। क्योंकि इससे ’स्क्रीन टेस्ट’ मे पारदर्शिता दिखेगी तथा किस अभ्यर्थी-परीक्षार्थी के पास कितना और किस प्रकार का व्याकरण सम्मत शब्दबोध है, इसका परीक्षण भी हो जायेगा। गोले लगाकर उत्तर देने से बृहद् अध्ययनशीलता समाप्ति की ओर जा रही है।आचार्य ने यह भी कहा, ’’एक प्राध्यापक किसी शिक्षण संस्थान के उच्चकोटि का पद होता है, इसलिए उसकी अर्हता प्राप्त करने के लिए किसी परीक्षार्थी में विस्तृत प्रासंगिक लेखन करने की क्षमता का होना, एक अपरिहार्य विशेषता होती है।’’ उन्होंने समस्त परीक्षाओं मे गोले लगाकर उत्तर देने की पद्धति को समाप्त करने की माँग की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

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