'एक पौधा मां के नाम' लगाने के लिए आम जनता से अपील: डा. अरूण सक्सेना

'एक पौधा मां के नाम' लगाने के लिए आम जनता से अपील: डा. अरूण सक्सेना
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'एक पौधा मां के नाम' लगाने के लिए आम जनता से अपील: डा. अरूण सक्सेना


लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. अरूण कुमार सक्सेना ने मंगलवार को वन विभाग मुख्यालय ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ’ जन अभियान-2024 की समीक्षा बैठक की। मंत्री ने विभाग के पारिजात सभागार में सभी जनपदों के प्रभागीय वनाधिकारी एवं चीफ कंजरवेटर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तैयारी समीक्षा कर आगामी वृक्षारोपण के पूर्व पौधों तथा चिन्हित स्थानों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने भारत सरकार के निर्देश पर ‘एक पौधा मां के नाम’ लगाने के लिए आम जनता से अपील की।

डा0 सक्सेना ने बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वृक्षारोपण के पूर्व उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण जन अभियान 2024 को वृहद स्तर पर सफल बनाने के लिए पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा में टेक्नोलाजी का भी प्रयोग किया जाये।

उन्होंने कहा कि पौधरोपण के उपरान्त उसे ट्री-गार्ड लगाकर सुरक्षित किया जाए तथा स्कूलों-कॉलेजों व अन्य जगहों पर पौधरोपण से पूर्व बाउंड्री इत्यादि की पूर्ण तैयारी की जाए। उन्होंने पौधों को नियमित पानी देने के लिए स्थायी और अस्थायी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को तीन-तीन माह पर भौतिक रूप से निरक्षण कर पौधों की वास्ततिक जानकारी से उन्हें अवगत कराने का निर्देशित किया।

वन मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा स्वयं समय-समय पर पौधरोपण के स्थानों का निरीक्षण किया जाता रहेगा तथा कमियां पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर पौधों का रोपण किया जायेगा उसकी जानकारी आम जनता को अवश्य हो ताकि वो भी उसकी देखरेख कर सके।

डा. सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के अन्दर शहरों में स्थित सभी पार्कों में पौधे लगाते हुए स्थानीय लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए उनके व उनके परिवार के सदस्यों के नाम से पौधों को रोपित किया जाये, ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि मन्दिरों, धार्मिक स्थानों तथा स्कूल-कॉलेजों इत्यादि के परिसरों में पौधरोपण का कार्यक्रम जरूर किया जाये।

डा. सक्सेना ने मीडिया बन्धुओं को परिवार सहित विशेष रूप से आमन्त्रित कर पौधा लगाने के लिए आग्रह करने का निर्देश प्रदेश के सभी वनाधिकारियों को दिया। उन्होंने मुख्य पर्यटन स्थलों के वनाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे अपने जनपदों में पर्यटन के दृष्टिगत विशेष भूमि को चिन्हित करते हुए व सड़कों एवं मिडलाइन्स स्थलों पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में छायादार पौधों के साथ आयुर्वेदिक पौधरोपण को प्राथमिकता दें। उनके द्वारा चिन्हित सड़कों तथा मिडलाइन्स का स्वयं निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने अतिविशिष्ट/विशिष्ट महानुभाओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु चयनित जनपदों में पूर्ण तैयारी करने के निर्देश दिए।

वन मंत्री ने कहा कि एनएचआई, पीडब्ल्यूडी, नगर विकास तथा विकास प्राधिकरण अपनी भूमि में अवश्य पौधे रोपित करें तथा सड़क के किनारे एनएचआई तथा पीडब्ल्यूडी वन विभाग के सहयोग से पौधों को लगायें। उन्होंने कहा कि स्कूल तथा डिग्री कॉलेज के बच्चों को फलदार पौधे वन विभाग की तरफ से वितरित किये जाये। साथ ही उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सहयोग लेकर भूमि चिन्हित करते हुए पौधरोपण का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किया जाये।

डा. सक्सेना ने तैयारी समीक्षा के दौरान देवरिया, फतेहपुर, झांसी, जालौन तथा बिजनौर की स्थिति संतोषजनक न पाये जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए तीन दिनों के अन्दर अपने समक्ष एक्शन प्लान को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशिष्ट वृक्षारोपण, विरासत वृक्ष वाटिका, वेटलैंड संरक्षण वन तथा मित्रवन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/मोहित

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