गीता के अध्ययन मात्र से कट जाते हैं मनुष्य के सभी पाप : स्वामी अड़गड़ानंद
मीरजापुर, 22 नवम्बर (हि.स.)। लालगंज तहसील क्षेत्र के जयकर कला स्थित परमहंस आश्रम में बुधवार को आयोजित सत्संग में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज ने कहा कि मनुष्य की केवल दो जातियां होती हैं, देवता और असुर। जिनके हृदय में दैवी सम्पदा कार्य करती वह देवता है और जिनके हृदय में आसुरी सम्पदा कार्य करती है वह असुर है। तीसरी अन्य कोई जाति नहीं है।
स्वामी अड़गड़ानंद ने कहा कि दुर्लभ मानव तन पाने के बाद भी मनुष्य मोह-माया में फंस भटक रहा है। मानव जीवन को धन्य बनाने और इंद्रियों को वश में करने के लिए दो अक्षर के राम व ऊं का जप कर मन को मतवाला बनाओ। भजन परमात्मा का ही गीत है उसे समर्पित भाव से करने पर दुर्गुण दूर होते हैं। गीता के पाठ का मात्र अध्यन करने से मनुष्य के सभी पाप कट जाते हैं। परमात्मा का प्रत्यक्ष दर्शन ही ज्ञान होता है। हृदय के अंदर परमात्मा का दर्शन सदगुरु ही कराता है। मनुष्य को चाहिए कि वह यथार्थ गीता का नियमित पाठ करे। इस अवसर पर आयोजित भंडारे में हजारों की संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का हेलीकॉप्टर आते ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस फोर्स लगी रही। एसडीएम भारतलाल सरोज, सीओ मंजरी राव मौजूद रहीं।
हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित
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