राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की रूपरेखा तय
गोरखपुर, 04 नवम्बर (हि.स.)।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित कचनार सिटी में 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक संपन्न हुई। बैठक का शुभारंभ सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने मां भारती के चित्र पर पुष्पार्चन कर किया।
बैठक में बीते वर्ष दिवंगत हुए 206 प्रमुख व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनमें पूर्व प्रांत संघचालक प्रो. यू.पी. सिंह, सेविका समिति प्रमुख प्रमिला ताई मेढ़े, वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन, अभिनेता असरानी व सतीश शाह शामिल रहे।
संघ के शताब्दी वर्ष (2025–26) की तैयारियों पर बैठक में विशेष विमर्श हुआ। सरकार्यवाह श्री होसबाले ने गुरु तेगबहादुर जी की शहादत के 350 वर्ष, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और वंदेमातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष कार्यक्रमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि “इन प्रसंगों के माध्यम से समाज में राष्ट्रभावना और सांस्कृतिक चेतना का प्रसार होगा।”
बैठक में युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, धर्मांतरण और नक्सल क्षेत्रों की स्थिति जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी चिंतन हुआ।
गोरखपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रांत संघचालक डॉ. महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि गोरक्ष प्रांत में 1,955 विजयादशमी उत्सव आयोजित हुए, जिनमें 60,360 स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित रहे।
संघ अब 5 से 30 नवंबर तक “गृह-गृह संपर्क अभियान” चलाएगा, जिसके तहत 70 हजार स्वयंसेवक लगभग 45 लाख परिवारों तक पहुंचेंगे।
इसके अलावा 14 दिसंबर से 11 जनवरी तक 1,900 हिन्दू सम्मेलन, और वर्ष 2026 में सामाजिक सद्भाव बैठकों, युवा कार्यक्रमों एवं शाखा विस्तार के आयोजन होंगे। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि
संघ का उद्देश्य संगठन की शक्ति बढ़ाना नहीं, बल्कि समाज की आत्मशक्ति को जागृत करना है।
प्रेसवार्ता में सह प्रांत कार्यवाह वीरेंद्र जी एवं प्रांत प्रचार प्रमुख सुशील जी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

