सभी माइक्रो-इरीगेशन कम्पनियाँ एक-एक गॉव को गोद लें: डॉ. हीरालाल
लखनऊ, 15 मार्च (हि.स.)। गोमतीनगर के एक होटल में शुक्रवार को रिवुलिस इरीगेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ग्रेटर शारदा सहायक समादेश विकास प्राधिकारी के नेतृत्व में कमांड एरिया डेवलपमेंट थ्रू माइक्रो-इरीगेशन पर एक तकनीकी कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित के साथ किया गया। कार्यशाला को प्रारम्भ करते हुए वर्ल्ड बैंक के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ0 योगेश बंधु ने माइक्रो-इरीगेशन से सम्बंधित समस्त प्रतिनिधियों का स्वागत किया। कार्यशाला में ग्रेटर शारदा सहायक परियोजना के अपर आयुक्त राजीव यादव ने माइक्रो-इरीगेशन की आवयश्कता को फसल उत्पादन में अनिवार्य बताते हुए जल संरक्षण करने पर जोर दिया।
ग्रेटर शारदा के प्रशासक एवं अध्यक्ष डॉ. हीरा लाल ने लोगो से जलवायु परिवर्तन पर सोच विकसित करने और जल संरक्षण पर कार्य करने की अपील की। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा की हमें खेत की सिंचाई नहीं बल्कि फसल की सिंचाई करनी है। इसके लिए पानी की हर एक बूंद का उपयोग करना है। उन्होंने कम पानी में अधिक फसल अधिक सिंचाई पर जोर दिया।
डॉ हीरा लाल ने आये हुए समस्त माइक्रो-इरीगेशन के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे एक-एक गांव को गोद ले। वहां पर माइक्रो-इरीगेशन की पद्धति को अपना कर एक मॉडल प्रस्तुत करे, जिससे प्रेरित होकर अन्य गॉव के लोग भी इस पद्धति को अपना कर जल संरक्षण की दिशा में अपना प्रयास कर सके।
कार्यशाला में बोलते हुए प्रोफेसर मान सिंह रिटायर्ड प्रोजेक्ट डायरेक्टर वाटर टेक्नोलॉजी सेंटर नई दिल्ली द्वारा ड्रिप इरीगेशन को सबसे श्रेष्ठ माइक्रो-इरीगेशन का तरीका बताया। उन्होंने बताया की विगत कई दशकों के प्रयोग से यह सिद्ध हुआ है कि ड्रिप इरीगेशन प्रणाली से सभी देसी व विदेशी साग-सब्जियों की खेती में 50 फीसद तक पानी का बचाव हुआ है। फसल उत्पादन में दो से तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने प्याज, लहसुन, कद्दु, भिंडी, लोभिआ, मूंगफली, मसूर के फसलों में माइक्रो-इरीगेशन का उपयोग करने का बल दिया।
कार्यक्रम में रिवुलिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कौशल जायसवाल ने कहा की रिवोलिस संस्था माइक्रो-इरीगेशन की दिशा में उठाये गए प्रत्येक कदम का समर्थन करती है। माइक्रो-इरीगेशन से हम पानी की प्रत्येक बूँद का उपयोग कर सकते है। विभिन्न जिलों में कमांड डेवलपमेंट के लिए जो भी कार्य किये जायेंगे संस्था उसमे अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
कार्यशाला में कई तकनीकी सत्र आयोजित किये गये, जिसमे माइक्रो-इरीगेशन के उपयोग और उसकी उपयोगिता के सन्दर्भ में विस्तार से चर्चा की गयी। तकनीकी सत्र में रिवुलिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संतोष पाटिल, लाल बहादुर जोशी, अशोक मुद्गल कर, मुनीश गंगवार प्रेजिडेंट मॉडल गांव, आरके सिंह अपर निदेशक एग्रीकल्चर तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों और माइक्रो इरीगेशन की कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार रखे गए।
हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/बृजनंदन
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