आगरा : राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का मुख्यमंत्री योगी ने किया अनावरण

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आगरा : राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का मुख्यमंत्री योगी ने किया अनावरण


-राष्ट्र से बढ़कर कुछ नही हो सकता : योगी आदित्यनाथ

-बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नही होनी चाहिएः सीएम योगी

आगरा, 26 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शनों के पश्चात् आगरा में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा अनावरण के बाद ताजमहल मेट्रो स्टेशन पर आयोजित जनसभा को मुख्यमंत्री योगी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता। राष्ट्र तभी मजबूत होगा जब हम सब एक होंगे। बंटेंगे तो कटेंगे। बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नही होनी चाहिए। एक रहेंगे- नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचेंगे।

मुख्यमंत्री योगी ने राष्ट्रवीर दुर्गादास की प्रतिमा का अनावरण किया। योगी ने राधे- राधे कहकर जनसभा में मौजूद लोगों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर को नमन कर, वहां मौजूद सभी लोगों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि 10 सालों से यह मूर्ति मेरा इंतजार कर रही थी। मेरे ऊपर उनकी कृपा आ गई। मुझे यहां आने का अवसर भी तब मिला, जब कृष्ण कन्हैया का जन्म हो रहा है। हम राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर को आगरा में उनकी भव्य प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण ऐसे समय में कर रहे जब हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में दर्ज काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष मना रहे हैं। देश की आजादी में 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में पं. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर उस समय अंग्रेज हुकूमत को चुनौती दी थी। उस समय ट्रेन एक्शन में क्रांतिकारियों में 4600 रुपये मिले थे। लेकिन क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने और सजा दिलाने में अंग्रेजों ने 10 लाख रुपये खर्च किए थे। तब भी भारत की आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी। यह हमारा सौभाग्य है कि भारत माता के इन महान सपूतों को जिन्होंने विदेशी हुकूमत की चूलों को हिलाने के लिए लगातार कार्य किया। उनको शरणागत करने के लिए, उन्हें सम्मान देने के लिए, उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए और उनका स्मरण करने के लिए काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष के बहाने भारत के सभी राष्ट्र नायकों, राष्ट्रवीरों को सम्मान दे रहे हैं।

सीएम योगी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत सारे लोग थे जिन्होंने मुगलों और अंग्रेजों के सामने समर्पण कर दिया था। लेकिन आज हम राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी का नाम ले रहे हैं। एक बार राजस्थान जाइए, देखिए उनकी पूजा होती है। जोधपुर में श्रद्धा का भाव देखने को मिलता है। मैं इसी श्रद्धा के भाव को मजबूत करने के लिए आया हूं।

योगी ने कहा कि हम इतिहास जानते हैं। कुछ तो औरंगजेब का इस आगरा से भी संबंध था। इसी आगरा में हिंदवी पद बादशाही के महानायक छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सत्ता को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि तुम चूहे की तरह तड़पते रह जाओगे। हिंदूस्तान में तुझे कब्जा तो नहीं करने देंगे। राजस्थान में महाराजा जसवंत सिंह इस मोर्चे को संभाल रहे थे। महाराजा जसवंत सिंह के महत्वपूर्ण सेनापति राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जी थे। औरंगजेब ने कई बार कोशिश की लेकिन कब्जा नहीं कर पाए। क्योंकि जहां राष्ट्रवादी राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर जैसे वीर हों, वहां कैसे कोई विदेशी आक्रांता कब्जा कर सकता है। यही हुआ भी, लेकिन औरंगजेब दुष्ट था, चालबाज था। उसने एक चाल चली। महाराजा दशरथ सिंह से संधि कर ली। उसने कहा कि हम जोधपुर रियासत में कुछ नहीं करेंगे। आप हमारा सहयोग कीजिए। उसने लालच दिया और कहा कि अफगानी हिंदुस्तान पर कब्जा होने जा रहा है। आपको मोर्चा संभालना पड़ेगा। वो धोखे से ले गया और उनकी हत्या कर दी।

सीएम योगी ने कहा कि हम जानते हैं कि देश की आजादी के लिए 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में पं. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को अंजाम देकर अंग्रेजी हुकुमत को चुनौती दी थी। उस समय अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। ट्रेन एक्शन में इन क्रांतिकारियों को महज 4 हजार 600 रुपये मिले थे। उन्हें गिरफ्तार करके, सजा दिलाने के लिए अंग्रेजों ने 10 लाख रुपये खर्च कर दिए। तब भी आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी।

सीएम योगी ने आगरा के लोगों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी। उन्होंने कहा- आगरा के रज-रज में, कण-कण में भगवान कृष्ण का वास है। यहां कला है, यहां विश्वास है, यहां आस्था और समर्पण है। यह विश्वास और आस्था, कला-संस्कृति राष्ट्र प्रतिष्ठा के साथ आगे बढ़नी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार / दिलीप शुक्ला

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