70 दिनों के बाद दशाश्वमेध घाट पर अपने पारम्परिक स्थान पर हुई गंगा आरती
—मां गंगा की आरती बाढ़ का पानी नीचे उतरने पर शुरू हुई, अभी तक छत हो रही थी
वाराणसी, 17 अक्टूबर (हि.स.)। पूरे 70 दिनों के बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की विश्व प्रसिद्ध संध्याकालीन गंगा आरती अपने निर्धारित स्थान पर हुई। घाट पर घंटे घड़ियाल शंखनाद, घंटी, डमरू की आवाज और मां गंगा के जयकारे के बीच हुई आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पूरे उत्साह और आस्था के साथ शामिल हुए।
दरअसल गंगा में बाढ़ से घाट लहरों में समा गए। सुरक्षा कारणों से नियमित गंगा आरती गंगा सेवा निधि कार्यालय के छत पर हो रही थी। इस आरती में पूरे दुनिया से श्रद्धालु व पर्यटक हजारों की संख्या में शामिल होते हैं। दशाश्वमेध घाट पर आरती के समय मेले जैसा माहौल होता है। लेकिन बाढ़ के चलते लोग इससे वंचित रहे। बाढ़ का पानी उतरते ही लोग फिर पूरे उत्साह से इसमें शामिल हुए। इस दौरान निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा, कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव की भी उपस्थिति रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी
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