पत्रकार हत्याकाण्ड में डुगडुगी बजा चूना भट्टी की भूमि को प्रशासन ने कुर्क किया
-लगभग बीस करोड़ रुपये की भूमि पर चला बाबा का बुलडोजर
-करोड़ों का चांद तारा तालाब भी हुआ सरकारी सम्पत्ति
जौनपुर, 02 जुलाई (हि.स.)। शाहगंज कोतवाली थाना अंतर्गत सबरहद गांव निवासी पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव हत्याकाण्ड में तहसील प्रशासन ने सोमवार देर शाम बड़ी कार्यवाही करते हुए सबरहद स्थित एक बेशकीमती भूमि कों डुगडुगी बजा कुर्क कर बुलडोजर चला जमींदोज कर दिया। उक्त भूमि की मालियत बीस करोड़ रुपये बताया जा रहा है। वहीं कब्जेदार पर एक करोड़ पांच लाख तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। साथ ही सबरहद गांव में पांच बीघा में फैले तालाब जों जामिया फारुकी मैनुद्दीन पुत्र नवीउल्लाह के नाम दर्ज था। पूर्ववत तालाब खाते में दर्ज कर दिया गया। फिलहाल दोनों स्थानों पर उक्त से सम्बंधित बोर्ड लगा दिया गया है।
सबरहद गांव के इमरानगंज बाजार स्थित तिराहे पर भू-माफियाओं द्वारा कूटरचित दस्तावेज के आधार पर नाम दर्ज करा अवैध ढंग से कब्जा किया गया था। सबरहद गांव निवासी राम अचल कुशवाहा पुत्र चिरकुट के नाम फर्जी ढंग से उक्त जमीनों को अपने नाम दर्ज करा लिया गया। जिसके बाद राम अचल से सबरहद गांव निवासी उमैर शेख पुत्र शहाबुद्दीन शेख ने बैनामा ले लिया। उसी आधार पर भूमि पर कब्जा ले प्लाटिंग कर बेचा जा रहा था। जबकि राम अचल ने बयान दिया है कि मेरे नाम कैसे जमीन आया मुझे नहीं पता। मुझे ले जाकर बैनामा करा लिया गया। फिलहाल मुझसे उक्त भूमि से कोई लेना-देना नहीं है। इसी आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ा तहसील प्रशासन ने चूना भट्टी की भूमि को कुर्क कर दिया। इसी बात को लेकर भू-माफियाओं ने 13 मई को पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आशुतोष इन्हीं सरकारी जमीनों को खाली कराने की लड़ाई लड़ रहे थे। मौत के डेढ़ माह बाद तहसील प्रशासन निद्रा से जागा व उक्त जमीनों कों कुर्क और सरकारी सम्पत्ति घोषित किया।
इस मामले में मंगलवार को जानकारी लेने पर तहसीलदार आशीष सिंह ने बताया कि पुलिस ने मामले में लेखपाल विकास सिंह की तहरीर पर उमैर शेख, सिकन्दर आलम और अरफी शेख के विरुद्ध नये कानून के तहत मामला पंजीकृत किया है। आशुतोष श्रीवास्तव से जुड़े जो भी प्रार्थना पत्र पड़े हैं सबकी जांच पड़ताल की जा रही है जो भी इसके जद में आएगा उसके खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई के दौरान पत्रकार आशुतो श्रीवास्तव के परिजन भी उपस्थित रहे। मंगलवार को इस संबंध में हिन्दुस्थान समाचर से बात करते हुए भाई संतोष श्रीवास्तव का कहना कि अगर यह कार्रवाई पुलिस प्रशासन और तहसील द्वारा समय रहते की गई होती तो शायद उनका भाई आज जिंदा होता। इस कार्रवाई से उनके भाई के दिल को थोड़ी ठंडक जरूर पहुंची होगी। तहसील प्रशासन के उन कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने उक्त सरकारी जमीन में मिलीभगत करके इतना बड़ा खेल किया, जिसे आज खुद तहसील प्रशासन गिरा रहा है। कार्यवाही के दौरान तहसीलदार आशीष सिंह,नायब तहसीलदार बलवंत उपाध्याय, शैलेन्द्र कुमार, क्षेत्राधिकारी अजीत सिंह चौहान, प्रभारी निरीक्षक मनोज ठाकुर आदि मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/राजेश
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