मथुरा-आगरा के वाइल्ड लाइफ एसओएस पहुंची अभिनेत्री दिव्या सेठ
मथुरा, 10 मई (हि.स.)। भारतीय फिल्म और टेलीविजन अभिनेत्री दिव्या सेठ शाह ने हाल ही में मथुरा और आगरा में स्थित वाइल्ड लाइफ एसओएस केंद्रों का दौरा किया। जहां उन्होंने हाथी और भालू संरक्षण पर जागरूकता पहल के बारे में जानकारी ली। अपने विज़िट के दौरान दिव्या को हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र आगरा भालू संरक्षण केंद्र और हाथी अस्पताल परिसर को नज़दीक से जानने का अवसर मिला। जिससे उन्हें जानवरों को बचाने और पुनर्वास में वाइल्ड लाइफ एसओएस के समर्पित प्रयासों की प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त हुई।
शुरुआत में दिव्या ने मथुरा में भारत के पहले हाथी अस्पताल का दौरा किया। यहां उन्होंने कैद से छुड़ाए गए हाथियों के सामने आने वाली गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जाना और घायल, बीमार और वृद्ध हाथियों के इलाज में एनजीओ की पशु चिकित्सा टीम के प्रयासों को देखा। अस्पताल की अपनी यात्रा के दौरान दिव्या ने अन्य निवासी हाथियों को देखने के अलावा बुज़ुर्ग मादा हथिनी जिंजर को नियमित चिकित्सा उपचार और लेजर थेरेपी से गुजरते हुए देखा।
हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में दिव्या को अभयारण्य में बचाए गए हाथियों के इतिहास से परिचित कराया गया। उन्होंने देखा कि कैसे एक बार दुर्व्यवहार और क्रूरता का शिकार होने वाले इन हाथियों को जीवन जीने का दूसरा मौका प्रदान किया गया है। संस्था के हाथी देखभाल कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों की टीम के साथ जानकारी पूर्ण सत्रों में शामिल होकर दिव्या ने भारत में एशियाई हाथियों के बचाव और संरक्षण में सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों के बारे में गहनता से जाना। दिव्या के एक दिवसीय दौरे का समापन आगरा भालू संरक्षण केंद्र के दौरे के साथ हुआ, जो स्लॉथ भालुओं के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बचाव केंद्र है। यहां अभिनेत्री को कुछ निवासी भालुओं की कहानियों के माध्यम से क्रूर ‘डांसिंग’ भालू प्रथा के बारे में पता चला।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा दिव्या का हमारे केंद्रों में आने का निर्णय वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हाथियों और भालुओं की भलाई की वकालत करने की उनकी इच्छा को दर्शाता है। वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा हम अपने पुनर्वासन केंद्रों में दिव्या जैसी प्रसिद्ध अभिनेत्री को देख कर बेहद खुश हैं। हमें उम्मीद है कि यहां बिताए गए अपने समय के दौरान वह भालू और हाथियों के सामने आने वाली समस्याओं से सम्बंधित अधिक मूल्यवान जानकारी लेकर गई होंगी।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/विद्याकांत
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