किसानों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार की जाए कार्ययोजना : डॉ.एस.के.दुबे
कानपुर, 27 अक्टूबर(हि.स.)। प्रदेश के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रमुख कार्य योजना के तहत प्रक्षेत्र परीक्षण की परिकल्पना, उद्देश्य और विधियों को विस्तार दिया जाय। यह बात शुक्रवार को दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के मौके पर भाकृअनुप-अटारी कानपुर के निदेशक डॉ.शान्तनु कुमार दुबे ने कही।
उन्होंने बताया कि कार्य योजना (एक्शन प्लान) प्रमुख फोकस है, साथ ही प्रक्षेत्र परीक्षण (आन फार्म ट्रायल) की परिकल्पना, उद्देश्य और विधियों की विस्तार से जानकारी समस्त उपस्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्षों एवं वैज्ञानिकों को दी। प्रदेश के सभी केवीके काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं, परन्तु किसानों की समस्याओं को देखते हुए सभी केवीके को और आन फार्म ट्रायल विकसित करने और कार्यान्वित करने की विशेष आवश्यकता है। सभी केवीके को फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अन्तर्गत सुपर सीडर के स्थान पर मल्चर के साथ हैप्पी सीडर का प्रयोग करने और कृषकों को इसकी दीर्घकालीन उपयोगिता बताने की सलाह दी।
इस मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा आडिट यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट, बजट, व्यय, पीएफएमएस, एग्री ड्रोन, प्रत्येक परियोजना के खाते एवं वित्तीय स्थिति, फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना, निकरा परियोजना एवं प्राकृतिक खेती आदि विषयों पर विस्तृत कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्षों एवं वैज्ञानिकों एवं अटारी कानपुर के वैज्ञानिकों तथा अतिथि विशेषज्ञों द्वारा विस्तार से चर्चा की गई।
इस मौके पर सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व निदेशक प्रसार डा. ओ.पी. सिंह,अटारी कानपुर से डॉ. एस.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. राघवेन्द्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक,एवं 12 कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष एवं वैज्ञानिक और डॉक्टर रामनरेश, डॉक्टर राजीव सिंह,डॉक्टर निखिल विक्रम सिंह और गौरव तिवारी भी कार्यशाला में उपस्थित रह कर अपनी सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/राजेश
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