अभाविप का परिसर चलो अभियान एक जनांदोलन के रूप में : अंकित शुक्ल
- अभाविप काशी प्रांत के चलाए गए ‘परिसर चलो यात्रा’ का इविवि में हुआ समापन
प्रयागराज, 06 जुलाई (हि.स.)। परिसरों को जीवंत बनाने एवं परिसर संस्कृति को पुनर्स्थापित करने को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा देशव्यापी मुहिम “परिसर चलो अभियान” का समापन शनिवार को बैंक रोड स्थित राजर्षि मंडपम सभागार में किया गया। अभाविप के राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने बताया कि परिसर चलो अभियान जनांदोलन के रूप में चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसको दो चरणों में विद्यार्थियों से लेकर विश्वविद्यालय परिसरों में अध्ययनरत छात्रों के मध्य वर्ष भर चलाने की योजना है। द्वितीय चरण में शिक्षा क्षेत्र के सभी हितधारकों से संवाद कर इस दिशा में कार्य कर परिसर जीवंत बनाने, रोज़गार सृजन का केंद्र बनाने एवं परिसर को रुचिकर बनाने हेतु कैंटीन, खेल प्रांगण तथा छात्र कल्याण केन्द्र जैसी व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्य वक्ता प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी में कहा कि कोरोना काल के बाद शैक्षिक परिसरों में विद्यार्थियों की उपस्थिति दर में गिरावट दर्ज की गई है। जिससे परिसर संस्कृति को विद्यार्थी भूलते जा रहे हैं और यह उनके सर्वांगीण विकास में बाधक सिद्ध हो रही है। परिसरों में विद्यार्थी आएं वैसा सकारात्मक माहौल शिक्षकों को बनाना होगा तभी विद्यार्थी परिसरों में जाना चालू करेंगे। परिसर, सामाजिक समरसता के सबसे बड़े केंद्र हैं और इनको पुनर्जीवित करना आज की आवश्यकता है।
अभाविप इविवि के इकाई अध्यक्ष आलोक त्रिपाठी ने कहा कि काशी प्रांत द्वारा आयोजित “परिसर चलो यात्रा“ के अंतर्गत सोनभद्र स्थित दुद्धी तथा अमेठी से रथ चलाया गया था। दुद्धी से चलाया गया रथ सोनभद्र, मीरजापुर, भदोही, वाराणसी जिला, गाजीपुर, चंदौली तथा वाराणसी महानगर से होते हुए आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचा है। वहीं अमेठी से यात्रा आरंभ हो कुशभवनपुर, मछलीशहर, जौनपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयाग जिला तथा प्रयाग महानगर से होते हुए आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंचा है।
अभाविप काशी प्रांत के मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा कि अभाविप की इस मुहिम से विद्यार्थियों के मध्य एक सकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास किया गया है। अभाविप काशी प्रांत के प्रांत उपाध्यक्ष डॉ. विकास कुमार ने बताया कि काशी प्रांत द्वारा चलाई गई ’परिसर चलो यात्रा’ के माध्यम से बहुत ही अच्छे अनुभव आए हैं। यह यात्रा काशी प्रांत के 16 संगठनात्मक जिलों से होती हुई काशी हिंदू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुई है।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित
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